रिपोर्ट – जयदीप गुर्जर
रतलाम. मध्य प्रदेश में जहां एक और शमशान में चिताएं जल रही थीं, तो वहीं दूसरी और महिला, पुरुष और बच्चे आतिशबाजी कर रहे थे. आपने दिवाली के समय शायद ही ऐसा नजारा कभी देखा होगा. दरअसल रतलाम शहर के त्रिवेणी स्थित मुक्तिधाम पर दिवाली की पूर्व संध्या पर यम दिवाली मनाई गई. इस दौरान जमकर आतिशबाजी की गई. मुक्तिधाम में दीप जलाये गए, रंगोली बनाई गई और ढोल भी बजाए गए. इस दौरान मौके पर मौजूद लोगों ने अपने पूर्वजों को नमन किया. यह अनूठा आयोजन शहर की सामाजिक संस्था प्रेरणा के द्वारा किया गया.
अपने पूर्वजों के साथ दीपावली मनाने के लिए यह आयोजन संस्था पिछले 16 सालों से करती आ रही है. संस्था के गोपाल सोनी (मिण्डिया) ने बताया कि यह आयोजन 2006 से उनकी याद में मनाया जा रहा है, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं. संस्था द्वारा लोगों को अपने परिवार के साथ आमंत्रित किया जाता है. मुक्तिधाम में आने वाले परिवार अपने साथ रंगोली, दीपक व पटाखे आदि लेकर आते हैं.
पौराणिक मान्यता है इसके पीछे
गोपाल सोनी बताते हैं कि दीपावली जीवन और जगत को रोशनी से भरने वाला महापर्व है. जबकि दीपदान के लिए मुहुर्त हमारे शास्त्रों में वर्णित है, लेकिन कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की नरक चतुर्दशी एवं अमावस्या का दिन विशेष महत्व रखता है. दीपदान लाभकारी व दु:ख निवारण का माध्यम है. राजा बलि ने वामन भगवान से यह वरदान मांगा था कि इस दिन जो यमराज को दीपदान करेगा, वह एवं उसका परिवार दुखों से मुक्त हो जाएगा. नारद एवं पद्म पुराण के अनुसार पूर्वजों के प्रसन्न होने पर समस्त देवी-देवता प्रसन्न हो जाते हैं.
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Tags: Diwali, Mp news, Ratlam newsFIRST PUBLISHED : October 24, 2022, 15:46 IST