न फैक्ट्री की जरूरत न नौकरी का झंझटहजारों लोगों का पेट भरने वाला पेड़
न फैक्ट्री की जरूरत न नौकरी का झंझटहजारों लोगों का पेट भरने वाला पेड़
बुंदेलखंड का चित्रकूट पाठा क्षेत्र को सबसे पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है. यहां आज तक लोगों को रोजगार के संसाधन उपलब्ध नहीं हो पाए. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के आदिवासी लोग गर्मी के सीजन में तेंदू के पत्ते को जंगलों से दिन-रात तोड़कर उनको बाजारों में बेचते हैं. इससे जो पैसा मिलता है उसी ये लोग जीवन यापन करते हैं.