गन्ने की फसल को बर्बाद कर देता है ये रोग जानिए इसकी पहचान और बचाव

Protect Sugarcane from Red Rot: कई दिनों तक खेत में पानी जमा रहने से रेड रॉट (कैंसर) की समस्या बढ़ जाती है. इस रोग के कारण गन्ने की फसल पूरी तरह से नष्ट हो जाती है. इसलिए जहां भी इसका प्रकोप दिखे, उस गन्ने को तुरंत उखाड़ कर जला देना चाहिए. साथ ही, उस स्थान पर ब्लीचिंग पाउडर मिलाकर गड्ढे को बंद करना चाहिए. गन्ने को चीर कर लालपन की जांच भी करें.

गन्ने की फसल को बर्बाद कर देता है ये रोग जानिए इसकी पहचान और बचाव
अंकुर सैनी /सहारनपुर: यूपी का सहारनपुर जनपद, जिसे गन्ना बेल्ट के नाम से जाना जाता है. इन दिनों कई किसानों की गन्ने की फसल पर रेड रॉट (गन्ने का कैंसर) नामक खतरनाक रोग का हमला हो गया है. इस रोग के कारण पूरी फसल पीली पड़ जाती है और गन्ने का रंग लाल हो जाता है. किसानों को समझ नहीं आता कि इस रोग से अपनी फसल को कैसे बचाएं. कुछ किसान विभिन्न दवाइयों का छिड़काव भी करते हैं. लेकिन यह रोग जड़ों से फैलता है और धीरे-धीरे पूरे खेत को अपनी चपेट में ले लेता है. इससे गन्ने से सिरे जैसी गंध भी आने लगती है. कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी प्रोफेसर डॉ. आई.के कुशवाहा बताते हैं कि यह रोग बरसात के समय नमी के कारण उत्पन्न होता है. कई दिनों तक खेत में पानी जमा रहने से रेड रॉट (कैंसर) की समस्या बढ़ जाती है. इस रोग के कारण गन्ने की फसल पूरी तरह से नष्ट हो जाती है. गन्ने की फसल को बर्बाद कर देता है रेड रॉट डॉ. कुशवाहा ने बताया कि अगर खेत में इस रोग के लक्षण दिखें, तो किसान तुरंत निकटतम कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करें. रेड रॉट धीरे-धीरे फैलता है. इसलिए जहां भी इसका प्रकोप दिखे, उस गन्ने को तुरंत उखाड़ कर जला देना चाहिए. साथ ही, उस स्थान पर ब्लीचिंग पाउडर मिलाकर गड्ढे को बंद करना चाहिए. गन्ने को चीर कर लालपन की जांच भी करें. अगर गन्ना लाल दिखाई दे, तो पूरे खेत को नष्ट या जला देना ही उचित है, क्योंकि इस प्रकार के गन्ने को चीनी मिलें भी स्वीकार नहीं करतीं. रोग लगने के बाद न करें गन्ने की खेती इसके अलावा जिस खेत में यह रोग लगा हो, उसमें तीन से चार साल तक गन्ने की खेती नहीं करनी चाहिए. यदि किसान गन्ने की फसल दोबारा लेना चाहते हैं, तो वे ट्राइकोडर्मा घुलनशील जैविक फफूंदी नाशक दवा, स्यूडोमोनास और मेटाराइजम का कल्चर बनाकर इसे सड़ी गोबर की खाद में मिलाकर खेत में अच्छे से मिला सकते हैं. इससे फसल सुरक्षित और बेहतर होगी. Tags: Agriculture, Kisan, Local18, Saharanpur newsFIRST PUBLISHED : September 11, 2024, 12:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed