OPINION: बजट में भी सबका साथ सबका विकास भावना को कायम रखा मोदी सरकार ने
OPINION: बजट में भी सबका साथ सबका विकास भावना को कायम रखा मोदी सरकार ने
केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले 10 सालों में कभी भी राज्यों के साथ भेदभाव नहीं किया है और ना किसी राज्य को ज्यादा तरजीह दी है और ना किसी को नज़रअंदाज़ किया है. हालांकि विपक्ष को जब इस बजट में विरोध जैसा कुछ नहीं दिखा....
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जब इस साल का बजट पेश किया तो कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने इस बात पर विरोध प्रदर्शन किया कि केंद्र ने बिहार और आंध्र प्रदेश को छोड़कर बाकी राज्यों के साथ भेदभाव किया है. लेकिन हकीकत इसे कोसों दूर है. केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले 10 सालों में कभी भी राज्यों के साथ भेदभाव नहीं किया है और ना किसी राज्य को ज्यादा तरजीह दी है और ना किसी को नज़रअंदाज़ किया है. हालांकि विपक्ष को जब इस बजट में विरोध जैसा कुछ नहीं दिखा तो सभी विपक्षी पार्टियों ने ये कहना शुरू कर दिया कि केंद्र की बजट में उन राज्यों को ज्यादा बजट दिया गया जिस राज्य की पार्टी आज केंद्र में मोदी सरकार की सहयोगी है. लेकिन आज परत दर परत हम इस बात का बताते हैं कि कैसे केंद्र सरकार ने सबका साथ सबका विकास के एजेंडे के तहत इस बजट में भी सभी राज्यों को एक नज़र से देखा है.
बजट पर जवाब देने आई वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में हर आरोपों का जमकर जवाब दिया और बता दिया है कि केंद्र ने कोई भेदभाव नहीं किया है. निर्मला सीतारमण ने देश को बताया कि बजट में आर्थिक वृद्धि, रोजगार, पूंजी निवेश और राजकोषीय मजबूती के बीच बेहतर संतुलन स्थापित किया गया है. उन्होंने विपक्ष पर दुष्प्रचार करने का भी आरोप लगाया. कहा कि बजट भाषण में किसी राज्य का नाम नहीं होने का मतलब यह नहीं है कि उन्हें कोई पैसा नहीं मिला है. सीतारमण ने कहा कि बजट में हर राज्य के लिए धन का आवंटन किया गया है.
राज्यों को मिले करीब 23 लाख करोड़
इस साल के बजट में राज्यों को 22.91 लाख करोड़ रुपये दिए गए है जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.49 लाख करोड़ रुपये अधिक हैं.
इस बार के बजट में आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ तो बिहार को 60 हजार करोड़ की सौगात मिली है.
बिहार को क्या मिला?
2024-25 के बजट में बिहार को लगभग 59 हजार करोड़ रुपये का ऐलान किया गया है. 26 हजार करोड़ रुपये की लागत से पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे और बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे बनेगा. इसी में से बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा के रोड प्रोजेक्ट्स भी पूरे होंगे. इनके अलावा बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन वाला एक पुल भी बनेगा, जिसमें केंद्र सरकार मदद करेगी.
इसके साथ ही 21 हजार 400 करोड़ रुपये की लागत से पावर प्रोजेक्ट्स भी शुरू होंगे, जिसमें पिरपैंती में 2,400 मेगावाट का एक नया पावर प्लांट बनाना भी शामिल है. इसके अलावा, 11 हजार 500 करोड़ रुपये बाढ़ से निपटने के लिए दिए जाएंगे.
इन सबके अलावा भी, अमृतसर और कोलकाता के बीच जो इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बन रहा है, उसके बीच में गया में इंडस्ट्रियल सेंटर को विकसित करने में भी केंद्र मदद करेगा.
इतना ही नहीं, बिहार में नए एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेज और स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया जाएगा. गया के विष्णुपद मंदिर और बोधगया के महाबोधि मंदिर को विकसित किया जाएगा. काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की तर्ज पर ही विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर और महाबोधि मंदिर कॉरिडोर बनेगा. नालंदा यूनिवर्सिटी को भी टूरिस्ट स्पॉट के रूप में तैयार किया जाएगा.
आंध्र प्रदेश को क्या मिला?
केंद्र सरकार ने बजट में आंध्र प्रदेश के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. आंध्र को ये रकम नई राजधानी तैयार करने के लिए दी जाएगी. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू अमरावती को नई राजधानी बना रहे हैं. आंध्र की पोलावरण सिंचाई परियोजना को भी जल्द पूरा किया जाएगा. विशाखापट्टनम-चेन्नई इकोनॉमिक कॉरिडोर में कोप्पाथी क्षेत्र और हैदराबाद-बेंगलुरू इकोनॉमिक कॉरिडोर में ओरवाकल क्षेत्र में पानी, बिजली, रेलवे और सड़कों के लिए फंड उपलब्ध करवाया जाएगा. रायलसीमा, प्रकाशम और उत्तर तटीय आंध्र के पिछ़ड़े इलाकों के लिए भी ग्रांट दी जाएगी.
बाकी बचे राज्यों पर भी केंद्र मेहरबान
‘पूर्वोदय’ नाम से एक नई योजना शुरू की जाएगी. इस योजना में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को शामिल करते हुए देश के पूर्वी क्षेत्र का विकास किया जाएगा. साथ ही पूर्वी क्षेत्र के विकास के लिए औद्योगिक गलियारे का समर्थन मिलेगा. इसके अतिरिक्त छात्रों को एक-एक लाख रुपये का ई-वाउचर भी दिया जाएगा.
इनके अलावा बाढ़ प्रभावित राज्यों का भी जिक्र है. असम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई में केंद्र मदद करेगा. असम में बाढ़ से निपटने के लिए चल रहे प्रोजेक्ट्स में भी केंद्र मदद करेगा.
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को 42,277.77 करोड़ रुपये का बजट दिया है. ये पिछले बजट की तुलना में 1.2% ज्यादा है. 42,277 करोड़ रुपये के अलावा केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के लिए 9,789.42 करोड़ रुपये भी रखे हैं.
बजट दस्तावेज के मुताबिक, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को कुल 23,48,980 करोड़ रुपये ट्रांसफर करेगी. ये रकम 2023-24 की तुलना में लगभग 12 फीसदी ज्यादा है.
इस 23.38 लाख करोड़ में से 12.47 लाख करोड़ रुपये सेंट्रल टैक्स और ड्यूटी में राज्यों की हिस्सेदारी के रूप में मिलेंगे. जबकि, बाकी के 11.01 लाख करोड़ रुपये ग्रांट के तौर पर दिए जाएंगे.
वित्त आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, केंद्र को टैक्स और ड्यूटी से होने वाली कमाई में 41% हिस्सेदारी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की होनी चाहिए. यानी, केंद्र सरकार ने अगर 100 रुपये की कमाई टैक्स और ड्यूटीज से की है, तो उसमें से 41 रुपये सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मिलेंगे.
बजट दस्तावेज के मुताबिक, 2024-25 में केंद्र सरकार को टैक्स और ड्यूटी से 38.40 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई हुई है. इसमें से केंद्र 12.47 लाख करोड़ यानी 32% राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को ट्रांसफर करेगी.
इस बार सबसे ज्यादा टैक्स उत्तर प्रदेश को मिलेगा. यूपी को केंद्र सरकार 2.23 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की हिस्सेदारी देगी. वहीं, बिहार को 1.25 लाख करोड़ और आंध्र प्रदेश को 50 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे.
इन सबके अलावा केंद्र सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च के लिए राज्य सरकारों को 1.50 लाख करोड़ रुपये भी देगी.
प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान
बजट में प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान शुरू करने का ऐलान किया गया है. जनजातीय समुदाय के लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए शुरू किए जा रहे इस अभियान के तहत जनजातीय परिवारों को सरकारी योजनाओं के संपूर्ण कवरेज का लक्ष्य रखा गया है. इसमें जनजाति बाहुल्य 63 हजार गांवों को शामिल किया जाना है और पांच करोड़ जनजातीय लोग लाभान्वित होंगे. जनजाति बाहुल्य झारखंड की कुल आबादी में करीब 27 फीसदी भागीदारी जनजातियों की है. ऐसे में इस योजना का लाभ भी झारखंड को मिलेगा.
जानिए इस बार बजट में क्या है खास, जो किसी ख़ास राज्य के लिए नहीं बल्कि सभी राज्यों के लिए है
एक करोड़ गरीब परिवारों को घर देने का वादा.
दो साल में 1 करोड़ किसानों की नेचुरल फार्मिंग में मदद की जाएगी.
32 फसलों की 109 किस्में लाई जाएंगी.
6 करोड़ किसानों और उनकी जमीनों को रजिस्ट्री में दर्ज किया जाएगा.
पहली जॉब में EPFO में 15 हजार रुपए की मदद सरकार करेगी.
हायर एजुकेशन के लिए 10 लाख रुपए तक का लोन, 3% का ब्याज.
महिलाओं और बालिकाओं की योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपए आवंटित.
मुद्रा योजना के तहत लोन की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए की गई.
विपक्ष को याद दिलाया इतिहास
यहां यह भी बताना लाजिमी है कि क्या पूर्ववर्ती सरकारें अपने बजट में सभी राज्यों के जिक्र करके बजट का आवंटन करती थी या नहीं, इस बात का जिक्र खुद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से किया और विपक्ष को आईना दिखाते हुए कहा, अगर पीछे के बजट पर गौर किया जाए तो यूपीए सरकार ने भी अपने बजट भाषण में सभी राज्यों के नामों का उल्लेख नहीं किया था. 2004-05 के बजट में 17 राज्यों का नाम नहीं लिया गया. वहीं 2009-10 के पूर्ण बजट में 28 राज्यों का नाम नहीं था. अन्य बजट में भी कई राज्यों का उल्लेख नहीं था, तो क्या उन राज्यों को पैसा नहीं मिला.
Tags: Budget session, Nirmala Sitaraman, PM ModiFIRST PUBLISHED : August 1, 2024, 15:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed