संबलपुर में दो कद्दावरों की जंग धर्मेंद्र प्रधान का दावा एकतरफा हमारी लहर

Odisha Lok Sabha Election 2024: ओडिशा की संबलपुर लोकसभा सीट एक अनुठी लड़ाई का गवाह बनती जा रही है. एक तरफ बीजेपी ने उतारा है अपने कद्दावर नेता और केन्द्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को जो ओडिशा में बीजेपी का चेहरा माने जाते हैं.

संबलपुर में दो कद्दावरों की जंग धर्मेंद्र प्रधान का दावा एकतरफा हमारी लहर
संबलपुर: ओडिशा की संबलपुर लोकसभा सीट एक अनुठी लड़ाई का गवाह बनती जा रही है. एक तरफ बीजेपी ने उतारा है अपने कद्दावर नेता और केन्द्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को जो ओडिशा में बीजेपी का चेहरा माने जाते हैं. तो उन्हें घेरने के लिए नवीन बाबू ने मोर्चे पर लगाया है. बीजेडी के संगठन मंत्री प्रणव प्रकाश दास यानि बॉबी दास को. संगठन के सर्वेसर्वा दास जाजपुर से तीन बार के विधायक हैं जो संबलपुर से 300 किमी दूर है. यहीं से बॉबी दास की मुश्किलें शुरू होतीं हैं. दोनों उम्मीदवार अपनी पार्टी के लिए खासे महत्वपूर्ण हैं, इसलिए माना जा रहा है कि ओडिशा की सबसे हाई प्रोफाईल जंग संबलपुर में ही होने जा रही है. इस सीट की खास बात ये है कि पिछले तीन चुनावों में तीन अलग अलग पार्टियों ने जीत हासिल की है. कांग्रेस के अमरनाथ प्रधान ने 2009, बीजेडी के नाग्रेंद्र प्रधान ने 2014 और बीजेपी के नीतेश गंगा देव ने 2019 में जीत दर्ज की थी. पढ़ें- जब PM मोदी ने फल विक्रेता मोहिनी से की मुलाकात, काम को खूब सराहा, जानकर आप भी करेंगे सलाम दरअसल संबलपुर है पश्चिमी ओडिशा का हिस्सा. ये हिस्सा विकास की दौड़ में खासा पीछे रह गया है. धर्मेंद्र प्रधान पहले भी इस इलाके से सांसद रहे हैं. वो देवगढ़ अब संबलपुर का हिस्सा है. इसलिए स्थानीय लोगों के लिए बीजेडी के उम्मीदवार बॉबी दास बाहरी माने जा रहे हैं. उज्जवला को ओडिशा के घर घर पहुंचाने वाले प्रधान को राज्य की जनता के लिए अनजाने नहीं हैं. वो 2000 में विधायक रहे, 2004 में रायगढ से बीजेपी सांसद भी चुने गए. दो बार राज्य सभा में रहने के बाद अब प्रधान संबलपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं और रायगढ़ अब इसी लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. धर्मेन्द्र प्रधान ने संबलपुर पहुंचते ही वहां की परंपरागत वेशभूषा धोती- कुर्ता को ऐसे अपनाया है जिसका संदेश पूरे लोकसभा क्षेत्र में जा रहा है कि वो स्थानीय ही हैं. धर्मेद्र प्रधान ने न्यूज 18 इंडिया से बातचीत मे कहा कि बात सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं है. राजनीतिक प्रतिद्वंदिता होनी चाहिए. मैं इस बार एकतरफा बीजेपी के लिए लहर देख रहा हूं. इस बार बीजेपी 21 की 21 सीटें जीतेंगी. धर्मेन्द्र प्रधान का मुख्य नारा है मोदी की गारंटी और मिट्टी का बेटा. एक ओर जहं बीजेडी में विरासत को लेकर बिखराव का दौर चल रहा है, वहीं बीजेडी के कई शीर्ष नेता बीजेपी में शामिल भी हो रहे हैं. प्रणव दास के लिए पार्टी से पलायन रोकना एक बड़ी चुनौती है और दूसरी चुनौती है प्रचार से दूर चल रहे नेताओं को मनाना. प्रधान ने नवीन बाबू की विरासत को लेकर चल रही तनातनी पर सवाल उठाते हुए कहा कि बीजेपी ने नहीं बल्कि ओडिशा के लोगों ने ओडिया अस्मिता की बात उठायी है. एक पुरानी सभ्यता में आप सत्ता हथियाने की कोशिश हो रही है. धर्मेन्द्र प्रधान ने आरोप लगाया कि राज्ये मे के अंदर बाहरी लोगों का एक कॉकस बना हुआ है जिन्हें लगता है कि ओडिशा की उत्तपत्ति नवीन बाबू के सत्ता संभालने के बाद हुई है. प्रधान का मानना है कि कारटेल को भ्रम है कि स्थानीय समाज को नीचा दिखाना है. प्रधान ने कहा कि मुझे नहीं पता कि नवीन बाबू की क्या मजबूरी है जो ऐसे लोगों को आगे बढ़ा रहे हैं. संबलपुर लोकसभा क्षेत्र में एक मिश्रित आबादी रहती है जिसमें छत्तीसगढ, झारखंड के लोग भी भारी संख्या में बसे हुए हैं. इस पुरे इलाके को एक सूत्र में बांधता है कि समलेश्वरी देवी का मंदिर जिसकी मान्यता ओडिशा के साथ साथ इसकी सीमा से लगे राज्यों से लाखों श्रद्धालुओं में है. महानदी के तट पर बना ये मंदिर एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है जो जगतजननी, आदिशक्लति, महालक्ष्मी, महासरस्वती के नाम से पूजा जाता है. इसी पवित्र मंदिर में आशीर्वाद लेकर धर्मेन्द्र प्रधान ने नामांकन भरने की अपनी यात्रा शुरु की. मंदिर से लेकर रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय तक एक ऐसा अद्भुत रोड शो किया जिसकी धमक भुवनेश्वर में नवीन बाबू तक जरुर ही पहुंची होगी. धर्मेन्द्र प्रधान के प्रस्तावकों की सूची भी बताती है कि सामाजिक न्याय का उन्होने कितना ध्यान रखा है. उनके चार प्रस्तावको में एक महिला, अनुसूचित जाति के डाक्टर दिलिप बेहरा, अनुसूचित जनजाति के विधायक रमेश साईं जो गोंड हैं और एक ओबीसी प्रणव प्रधान शामिल रहे. प्रधान संबल के सात विधानसभा क्षेत्रों में खासा समय बीता रहे हैं. स्थानीय मुद्दों के साथ साथ मोदी गारंटी से संबलपुर के विकास का वादा कर रहे हैं. पश्चिमी ओडिशा के ये इलाके राज्य के बाकी हिस्सों के मुकाबले विकास की दौड में खासे पीछे रह गए हैं. लेकिन संबलपुर के समलेस्वरी देवी मंदिर का इतिहास लगभग 700 साल पुराना तो है ही पर बाकी पुरातन ग्रंथों में भी संबलपुर का जिक्र मिलता है. इसलिए मोदी गारंटी और ओडिशा अस्मिता के साथ मिट्टी का पुत्र का नारा संबलपुर में धर्मेन्द्र प्रधान को ज्यादा बल दे रहा है ताकि वो भविष्य़ की जिम्मेदारियां संभाल सकें. Tags: Loksabha Elections, OdishaFIRST PUBLISHED : May 7, 2024, 14:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed