कृषि विश्वविद्यालय बढ़ाएगी मोटे अनाजों का उत्पादन एक्सपर्ट करेंगे मदद
कृषि विश्वविद्यालय बढ़ाएगी मोटे अनाजों का उत्पादन एक्सपर्ट करेंगे मदद
चीन और अमेरिका इस क्षेत्र के सबसे बड़े बाजार बन चुके हैं. इन देशों में सबसे ज्यादा मोटे अनाज का उपभोग किया जा रहा है. विश्व भर में खानपान की आदतों में हो रहे बदलावों के कारण लोग अब अपने आहार में मोटे अनाजों को शामिल कर रहे हैं, क्योंकि ये अधिक पौष्टिक होते हैं.
कानपुर: चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय (सीएसए) द्वारा लगातार नई तकनीकों का विकास किया जा रहा है, जो देश और दुनिया के लिए उपयोगी साबित हो रही हैं. विश्वविद्यालय सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक विशेषज्ञों और तकनीकों को अपना रहा है. इसी क्रम में सीएसए ने अमेरिका की एक संस्था के साथ साझेदारी की है, जिसके तहत दोनों संस्थान मिलकर मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ाने और उनकी बिक्री को वैश्विक बाजार में लाने के लिए काम करेंगे. इस उद्देश्य के तहत दोनों के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
मोटे अनाज, जैसे ज्वार और बाजरा, अब स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों के आहार का हिस्सा बनते जा रहे हैं, जिससे इनकी मांग तेजी से बढ़ रही है. इसे ध्यान में रखते हुए, चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय ने इस साझेदारी के जरिए मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाया है. इस समझौते के तहत भारतीय और अमेरिकी विशेषज्ञ मिलकर यह अध्ययन करेंगे कि इन अनाजों का उत्पादन किस प्रकार से बढ़ाया जा सकता है और साथ ही इन उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कैसे बेचा जा सकता है.
चीन और अमेरिका मोटे अनाज के सबसे बड़े बाजार मोटे अनाज की बात करें, तो चीन और अमेरिका इस क्षेत्र के सबसे बड़े बाजार बन चुके हैं. इन देशों में सबसे ज्यादा मोटे अनाज का उपभोग किया जा रहा है. विश्व भर में खानपान की आदतों में हो रहे बदलावों के कारण लोग अब अपने आहार में मोटे अनाजों को शामिल कर रहे हैं, क्योंकि ये अधिक पौष्टिक होते हैं.
कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति आनंद कुमार सिंह ने बताया कि सीएसए मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है और किसानों को भी इस दिशा में जागरूक कर रहा है. उन्होंने कहा कि इस साझेदारी के तहत हम उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ, इन अनाजों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचने की रणनीतियों पर भी काम करेंगे, ताकि किसानों को अधिक लाभ मिल सके.
Tags: Agriculture, Local18FIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 15:38 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed