नीट धांधली को लेकर एक्शन मोड में मोदी सरकार धड़ाधड़ लिए 3 फैसले ये है रणनीति
नीट धांधली को लेकर एक्शन मोड में मोदी सरकार धड़ाधड़ लिए 3 फैसले ये है रणनीति
NTA NEET Paper Leak: सीबीआई ने कथित अनियमितताओं के संबंध में आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. यूजीसी-नेट-2024 परीक्षा 18 जून को देशभर में दो पाली में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित की गई थी.
बतौर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री शपथ लेने के बाद धर्मेन्द्र प्रधान की सबसे बड़ी चुनौती थी नीट को लेकर देशभर में उमड़ रही नाराजगी को दूर करने की. साथ ही जनमानस पर बैठ रहे पूरे सिस्टम को लेकर धर्मेन्द्र प्रधान खुलकर एक्शन मोड में नजर आए. प्रेस के साथ बातचीत पूरे मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने साफ कर दिया कि नीट का अगला चक्र इन सब मुश्किलों से दूर होगा और परीक्षार्थी जीरो एरर परीक्षा देंगे.
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ये भी स्पष्ट कर दिया कि इस बार नीट रद्द नहीं की जाएगी. प्रधान का मानना है कि चंद गलत तरीके से नीट पास करने वालों की सजा बाकी लाखों मेहनती परीक्षार्थियों को क्यों दी जाए. प्रधान ने कहा कि विद्यार्थियों का हित मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
NEET पर शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान का ट्रिपल एक्शन
इसके बाद शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान एक अलग ही एक्शन मोड में नजर आए. NEET मामले में शिक्षा मंत्रालय ने लिए तीन बड़े फैसले लिए. सबसे पहली शिकायत थी एनटीए यानि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के खिलाफ. इस एजेंसी की विश्वसनियता पर ही सवाल उठने लगे तो सबसे पहली गाज इस पर ही गिरी. एनटीए के डीजी सुबोध कुमार सिंह को पद से हटाया गया और फिर पूरी की पूरी टीम ही बदल दी गयी. प्रदीप खरोला एनटीए के नये डीजी बने. शिक्षा मंत्रालय ने एक 7 सदस्यीय उच्च स्तरीय जाँच कमेटी का गठन कर दिया जो अगले दो महीने मे एनटीए में सुधार पर रिपोर्ट देगी ताकि नीट का अगला चक्र बिना किसी गतिरोध के पूरा हो. इसरो के पूर्व चेयरमैन डॉ के. राधाकृष्णन हाई लेवल कमेटी की अगुवाई कर रहे हैं, जिसमें एम्स के पूर्व निदेशक डॉ गुलेरिया समेत देश के सात दिग्गज रिसर्चर, स्कॉलर और साइंटिस्ट सदस्य हैं.
शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान का दूसरा एक्शन था प्रश्नपत्र लीक को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब दिया जाए. शिक्षा मंत्रालय ने सीबीआई को नीट के पेपर लीक की जांच का जिम्मा सौप दिया. सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है. बिहार समेत कुछ राज्यों से कई महत्वपूर्ण सुराग मिलने शुरू हो गए हैं. कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. NTA पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बहुत सख्त रुख अपनाया हुआ है और कहा कि एनटीए समेत किसी भी कोने में कितने भी दोषी क्यों न हो, उसे बख्शेंगे नहीं क्योंकि विद्यार्थियों का हित सर्वोपरि है. सूत्रों के मुताबिक दो महीने में समिति अपनी राय तो देगी ही, लेकिन एनटीए के नए डीजी जल्दी ही नीट की नई तारीखों का ऐलान करेंगे.
धर्मेन्द्र प्रधान का तीसरा एक्शन था ग्रेस मार्क्स पर परीक्षार्थियों के मन में उठ रहे संशय को लेकर. मंत्रालय हरकत में आया और 23 जून को 7 परीक्षा केन्द्रों में फिर से परीक्षा यानि री-इक्जाम आयोजित किए गए. ये नीट-यूजी के उन 1563 छात्रों के लिए आयोजित किए गए, जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए थे. इस परीक्षा में बैठने वाले परीक्षार्थियों का प्रतिशत 52 रहा यानी 1563 में से 813 छात्र परीक्षा देने पहुचें, जबकि 750 परीक्षा देने नहीं आए. अगर इन सात परीक्षा केन्द्रों के आंकड़ों पर नजर डालें तो चंडीगढ़ में 2 छात्रों के लिए री इक्जाम आयोजित किए गए, लेकिन दोनों परीक्षा देने नहीं पहुंचे.
वहीं छत्तीसगढ़ के दो सेंटरों पर 602 छात्रों को बुलाया गया, लेकिन सिर्फ 291 शामिल हुए. गुजरात में एक सेंटर पर एक परीक्षार्थी को बुलाया गया और वो परीक्षा देने आया. हरियाणा में दो सेंटरों पर कुल 494 में से 287 छात्रों ने परीक्षा दी, तो मेघालय के एक सेंटर में 464 में से 234 बच्चे शामिल हुए. ये बात और है कि एनटीए ने एक विकल्प दिया हुआ था कि जिन्हे ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं वो फिर से परीक्षा दे सकते हैं या फिर ग्रेस नंबरों को हटाकर काउंसिलिंग के लिए जा सकते हैं.
एनटीए के नए डीजी जल्द ही रद्द की गई परीक्षआओं की नई तारीखों का ऐलान करेंगे
शिक्षा मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो एनटीए के नए डीजी का पहला काम होगा रद्द की गई परीक्षाओं की तारीखों का ऐलान करना. एनटीए की कार्यप्रणाली में सुधार और पारदर्शिता लाने के लिए बनी नई समिति की रिपोर्ट को जल्दी लागू कर शिक्षा मंत्रालय इसी कोशिश मे लग गया है कि नीट के अगले चक्र में ऐसी गलतियां नहीं दोहराई जा सकें. इसी संगठित अपराध पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार ने नकल रोकने और पेपर लीक को लेकर एक नया कानून पारित किया. इस कानुन का नाम है पब्लिक एग्जामिनेशन (prevention of unfair means) एक्ट 2024 जिसे 21 जून को नोटिफाई भी कर दिया गया है. इस कानून के मुताबिक अगर कोई पेपर लीक या फिर आंसर शीट में गडबड़ी करने का दोषी पाया जाता है तो उसे एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना और 10 साल की जेल तक सजा दी जा सकती है.
दशकों से पेपर लीक और नकल एक सुनियोजित अपराध का हिस्सा बनता जा रहा है. लगातार बढ़ती कोचिंग संस्थानों की संख्या और लोगों की बढ़ती उम्मीदों ने पूरा का पूरा सिस्टम ही बिगाड़ दिया. आलम ये कि साल दर साल नकल और पेपर लीक सिस्टम का एक हिस्सा बनता चला गया. जाहिर है मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदम और एक्शन मोड में काम कर रहे शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को भरोसा है कि परीक्षाओं में सुधार की प्रकिया पूरी होने के बाद सरकार के लिए इस अपराध पर काबू पाना मुश्किल साबित नही होगा.
Tags: CBI Probe, Dharmendra Pradhan, NEET, Neet examFIRST PUBLISHED : June 24, 2024, 16:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed