बांग्लादेशी घुसपैठियों से बिहारियों की तुलना पर शिल्पी टिर्की ने अब क्या कह

Jharkhand News: शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि डेमोग्राफी चेंज का मतलब है शिफ्ट इन पॉपुलेशन एंड चेंज इन कल्चर और झारखण्ड में ऐसा हुआ है. लेकिन, भाजपा सिर्फ अपनी राजनीति साधना चाहती है. उन्होंने कहा कि मैं सवाल करती हूं कि रांची में आदिवासियों की संख्या घटती क्यों जा रही है.

बांग्लादेशी घुसपैठियों से बिहारियों की तुलना पर शिल्पी टिर्की ने अब क्या कह
रांची. बांग्लादेशी घुसपैठियों से बिहार के लोगों की तुलना पर कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने अपनी सफाई दी है. विधायक शिल्पी ने कहा कि हमने उस दो मिनट के बयान में कहीं ऐसी बात नहीं कही है. उन्होंने कहा कि मैं आज भी अपने बयान पर काबिज हूं. मैं किसी की भी तुलना घुसपैठियों से नहीं की है, बल्कि मैंने यह कहा है कि राज्य की डेमोग्राफी बदल रही है. खासकर रांची आसपास के इलाके और कोयलांचल में बाहरी लोग आकर बस रहे हैं. दूसरे राज्यों से आकर लोग दो जगह का राशन कार्ड उपयोग कर रहे हैं. आदिवासियों की जनसंख्या घट रही है और इस पर मैं विधानसभा में भी सवाल उठाऊंगी. उन्होंने कहा कि मैं बाहरी लोगों को झारखंड में बसाने का विरोध करती हूं. शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि डेमोग्राफी चेंज का मतलब है शिफ्ट इन पॉपुलेशन एंड चेंज इन कल्चर और झारखण्ड में ऐसा हुआ है. लेकिन, भाजपा सिर्फ अपनी राजनीति साधना चाहती है. उन्होंने कहा कि मैं सवाल करती हूं कि रांची में आदिवासियों की संख्या घटती क्यों जा रही है. आदिवासी कहां गए? उन्होंने कहा कि राज्य में बाहरी लोगों को आने की वजह से पापुलेशन में संतुलन बिगड़ा है पर इस पर कोई चर्चा नहीं करता. वहीं, उन्होंने कहा कि जहां तक बांग्लादेशी घुसपैठ का सवाल है इस पर केंद्र की सरकार को जवाब देना चाहिए क्योंकि केंद्र के सरकार के अधीन देश की सीमा होती है. अगर वह ऐसे सवाल उठा रहे हैं तो उन्हें यह बताना चाहिए कि कौन-कौन से ऐसे केस दर्ज किए गए हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड बनाने की जरूरत इस वजह से आई क्योंकि आदिवासियों के लिए अलग राज्य चाहिए था. यहां के मूल निवासी को अलग राज्य चाहिए था पर आज उनका अधिकार दूसरे राज्य से आकर लोग ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्यपाल की यह जिम्मेदारी होती है कि इन चीजों पर ध्यान दें. आदिवासियों के सोल कस्टोडियन राज्यपाल होते हैं. सवाल तो राज्यपाल से है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान क्या यह रिपोर्ट जारी किए हैं कि राज्य में आदिवासियों की आबादी क्या है? अगर नहीं तो आदिवासियों का संरक्षण कैसे होगा? FIRST PUBLISHED : July 28, 2024, 16:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed