हौसलों से भरते हैं उड़ान कश्मीरी लड़की ने किया कुछ ऐसा सब कर रहें है सलाम
हौसलों से भरते हैं उड़ान कश्मीरी लड़की ने किया कुछ ऐसा सब कर रहें है सलाम
नाहिदा ने कश्मीर की लड़कियों के माता-पिता को संदेश दिया कि वे अपने बच्चों को उनकी इच्छा के अनुसार आगे बढ़ने का मौका प्रदान करें, जिससे वे अपने सपनों को उड़ाने दे सकें और अपने माता-पिता के साथ कश्मीर का नाम भी रोशन कर सकें. इससे पहले सन 2021 में नाहिदा ने एवरेस्ट की चढ़ाई की थी. 42 दिनों की चढ़ाई के बाद नाहिदा ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को फतह किया था.
पंपोर (कश्मीर). कश्मीर की इस लड़की के हौसले को पूरी दुनिया सलाम कर रही है. यह लड़की उस कहावत को सच साबित कर रही है जिसमें कहा गया कि मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. कश्मीर लड़की नाहिदा मंजूर ने, पहले दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर चढ़ाई कर और अब कश्मीर के पंपोर जिले में पैराक्लाइम्बिंग (विगलांग लोगों के लिए माउंटेन क्लाइंबिंग) की शुरुआत की है.
नाहिदा अपनी उपलब्धि के बारे में बताते हुए कहा कि यहां तक पहुंचना आसान नहीं था. उसे हर कदम पर संघर्ष का सामना करना पड़ा, लेकिन वह अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रही और तमाम बाधाओं के बावजूद वह बारसू की पहाड़ियों पर पैराक्लाइम्बिंग की शुरुआत कर सकी. गौरतलब है कि पैराक्लाइम्बिंग एक एडवेंचर एक्टिविटी है. कश्मीर समेत देश के अनेेक स्थानों पर इसका आयोजन किया जाता है.
नाहिदा ने बताया कि वह पैराक्लाइम्बिंग बारसू में शुरू करना चाहती थी. इसके वजह से यहां पर ज्यादा से ज्यादा पर्यटक बारसू में पहुंचेंगे और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा. नाहिदा ने कहा कि इसे यहां शुरू करने के लिए उसे हर कदम पर संघर्ष का सामना करना पड़ा. इसकी मंजूरी लेने के लिए उसे महीनों प्रशासनिक अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़े, तब जाकर उसे मंजूरी मिली.
नाहिदा ने बताया कि बारसू थोड़ा रिमोट एरिया में है. यहां पर्यटकों का आगमन नहीं होता था, लेकिन अब पैराक्लाइम्बिंग की शुरुआत होने से यह इलाका भी पर्यटकों को आकर्षित कर सकेगा. पर्यटकों के आने से यहां जहां स्थानीय युवक-युवतियों को रोजागार मिलेगा, वहीं इलाके में आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी. इससे इस क्षेत्र में भी विकास की किरण पहुंचेगी.
नाहिदा ने कश्मीर की लड़कियों के माता-पिता को संदेश दिया कि वे अपने बच्चों को उनकी इच्छा के अनुसार आगे बढ़ने का मौका प्रदान करें, जिससे वे अपने सपनों को उड़ाने दे सकें और अपने माता-पिता के साथ कश्मीर का नाम भी रोशन कर सकें. इससे पहले सन 2021 में नाहिदा ने एवरेस्ट की चढ़ाई की थी. 42 दिनों की चढ़ाई के बाद नाहिदा ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को फतह किया था.
Tags: Jaamu kashmir, Jammu kashmirFIRST PUBLISHED : June 2, 2024, 22:44 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed