AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में वंदे मातरम पर चर्चा के दौरान राष्ट्रवाद के स्वरूप को लेकर कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने साफ चेताया कि देशभक्ति को किसी एक धर्म या पहचान से जोड़ना संवैधानिक सिद्धांतों के खिलाफ है. ओवैसी ने कहा कि इससे सामाजिक विभाजन बढ़ेगा. उन्होंने संवैधानिक मूल्यों पर ज़ोर देते हुए कहा कि संविधान की शुरुआत "वी द पीपल" से होती है, न कि किसी देवी-देवता के नाम से. उन्होंने कहा कि विचार, अभिव्यक्ति और इबादत की आज़ादी ही लोकतंत्र का मूल है. ओवैसी ने सवाल किया कि किसी नागरिक को किसी देवता की इबादत के लिए कैसे मजबूर किया जा सकता है. उन्होंने वंदे मातरम को वफ़ादारी का मापदंड बनाने का विरोध किया. ओवैसी ने कहा कि वतन से मोहब्बत होना अलग बात है, लेकिन देशभक्ति को धार्मिक अनुष्ठान से बांधना संविधान के खिलाफ है. उन्होंने आज़ादी के आंदोलन में सभी समुदायों के योगदान को याद दिलाया.AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में वंदे मातरम पर चर्चा के दौरान राष्ट्रवाद के स्वरूप को लेकर कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने साफ चेताया कि देशभक्ति को किसी एक धर्म या पहचान से जोड़ना संवैधानिक सिद्धांतों के खिलाफ है. ओवैसी ने कहा कि इससे सामाजिक विभाजन बढ़ेगा. उन्होंने संवैधानिक मूल्यों पर ज़ोर देते हुए कहा कि संविधान की शुरुआत "वी द पीपल" से होती है, न कि किसी देवी-देवता के नाम से. उन्होंने कहा कि विचार, अभिव्यक्ति और इबादत की आज़ादी ही लोकतंत्र का मूल है. ओवैसी ने सवाल किया कि किसी नागरिक को किसी देवता की इबादत के लिए कैसे मजबूर किया जा सकता है. उन्होंने वंदे मातरम को वफ़ादारी का मापदंड बनाने का विरोध किया. ओवैसी ने कहा कि वतन से मोहब्बत होना अलग बात है, लेकिन देशभक्ति को धार्मिक अनुष्ठान से बांधना संविधान के खिलाफ है. उन्होंने आज़ादी के आंदोलन में सभी समुदायों के योगदान को याद दिलाया.