UP News : 32 आईपीएस से हुई ठगी पूरे 19 साल चला खेला किसी को नहीं लगी भनक

Moradabad News : उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में 32 पुलिस कप्तानों से ठगी हुई. यह सिलसिला करीब 19 साल तक चला लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगी. एसएसपी साहब अपने ही आवास का किराया वकील को देते रहे. किसी अफसर ने न तो इसकी जांच कराई और न ही दस्तावेज चेक कराए. जब फर्जीवाड़े का खुलासा तो जांच ही अब आगे नहीं बढ़ पा रही है. आइये जानते हैं पूरा मामला....

UP News : 32 आईपीएस से हुई ठगी पूरे 19 साल चला खेला किसी को नहीं लगी भनक
मुरादाबाद. मुरादाबाद में 32 पुलिस कप्तानों से करीब 19 सालों से ठगी होती रही लेकिन किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी. न ही किसी कप्तान ने और न ही किसी पुलिस अधिकारी ने इस ठगी को रोकने की कोशिश की. बस 19 साल से ठगी का शिकार होते रहे. मुरादाबाद में लगभग 32 कप्तान 19 साल में चार्ज संभाल चुके हैं लेकिन एसएसपी साहब अपने ही आवास का किराया वकील को देते रहे. किसी अफसर ने न तो इसकी जांच कराई और न ही दस्तावेज चेक कराए. अब जब फर्जीवाड़े का खुलासा हो चुका है तो जांच चार महीने में आगे नहीं बढ़ पाई है. इस फर्जीवाड़े में कौन-कौन कर्मचारी और अधिकारी शामिल रहे, अब तक उनके नाम सामने नहीं आ सके हैं. मुरादाबाद नगर निगम के रिकॉर्ड में एसएसपी मुरादाबाद का बंगला आईपीएस हाउस के नाम से दर्ज है. सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के आवास विकास कॉलोनी स्थित जानकारी के अनुसार एसएसपी बंगले पर 1927 से 2003 तक किसी ने अपना मालिकाना हक नहीं जताया था. अचानक 2003 में अधिवक्ता संजय धवन ने इस बंगले को अपना बताते हुए कोर्ट में दावा ठोक दिया. 2005 से मुरादाबाद एसएसपी बंगले का पांच हजार रुपये प्रतिमाह किराए के तौर पर अधिवक्ता को भुगतान किया जाने लगा. उस दौरान मुरादाबाद के एसएसपी डॉ. जीके गोस्वामी थे. इसके बाद एसएसपी आते रहे और ट्रांसफर होकर जाते रहे, लेकिन किसी भी अधिकारी ने अधिवक्ता के दावे की हकीकत जानने की कोशिश नहीं की. न तो दस्तावेजों की जांच कराई और न ही कभी पुलिस स्तर से इसकी जांच कराई गई कि एक व्यक्ति ने एसएसपी बंगले पर अपना दावा क्यों ठोक रखा है? 2019 में संजय धवन ने जब एसएसपी बंगले का किराया बढ़ाने की मांग की और किराया नहीं बढ़ाया गया तो मामला कोर्ट में पहुंच गया. किराए को लेकर कई साल तक मामला कोर्ट में चलता रहा. तत्कालीन एसएसपी हेमराज मीणा ने किराया देना बंद कर दिया. इसके बाद इस पूरे मामले की जांच कराई गई तो फर्जीवाड़ा सामने आया. सिविल लाइंस थाने में दर्ज हुआ 3 लोगों के खिलाफ मुकदमा सिविल लाइंस थाने में संजय धवन समेत तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया. 19 साल में 32 पुलिस कप्तानों से ठगी के बावजूद चार महीने के बाद भी पुलिस जांच पूरी नहीं कर पाई है. एसएसपी का बंगला पहले पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के SP का था आवास 1927 के पहले मुरादाबाद एसएसपी का बंगला पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के एसपी का आवास था. पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में आवास बनने के बाद इस बंगले को मुरादाबाद के एसएसपी को दे दिया गया था. यह आवास करीब 6000 वर्ग मीटर में है. जानकारी के अनुसार 2003 में संजय धवन की ओर से कोर्ट में दावा पेश किया गया था. उसने बंगले को अपना बताया था लेकिन पुलिस की ओर से इस मामले में मजबूत पैरवी नहीं की गई. जो दस्तावेज कोर्ट में पेश किए गए, पुलिस अधिकारियों ने उन दस्तावेजों की जांच भी नहीं कराई. पुलिस की इसी लापरवाही का संजय धवन को लाभ मिल गया और उसके पक्ष में कोर्ट ने फैसला सुना दिया था. Tags: Moradabad News, Shocking news, UP newsFIRST PUBLISHED : August 21, 2024, 21:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed