मानसून से पहले इस तरीके से करें धान की बुआई फसल में नहीं लगेगा कंडुआ रोग

खरीफ की फसल धान की रोपाई के लिए किसान इन दिनों नर्सरी तैयार कर रहे हैं. धान की पौध तैयार करते समय किसानों को कुछ खास एहतियात बरतने की जरूरत है. ताकि किसानों को रोग रहित फसल से अच्छा मुनाफा मिल सके. धान की फसल में कंडुआ नाम का रोग लगता है. यह एक बीज जनित रोग हैं जिसका नर्सरी बिजाई के समय ही बीज उपचार करना बेहद जरूरी है. अन्यथा किसानों की तैयार फसल बर्बाद हो सकती है.

मानसून से पहले इस तरीके से करें धान की बुआई फसल में नहीं लगेगा कंडुआ रोग
Success Story: इंसान अगर कुछ करने की चाह ले और उसी जुनून के साथ काम करें, तो सफलता अवश्य मिलती है. फिर चाहे परिस्थिति कैसी भी क्यों न हो लेकिन उनका आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प अडिग रहता है. ऐसी ही कहानी IPS एन. अंबिका की है. एन. अंबिका की शादी 14 साल की उम्र में हो जाती है. उनके दो बच्चे होने के बाद वह यूपीएससी सीएसई परीक्षा की तैयारी शुरू करती हैं. इस दौरान उनके पति का साथ मिलता है और यूपीएससी की परीक्षा को पास करने में कामयाब हो जाती है. वह लोगों के लिए सफलता की मिसाल हैं. 14 साल की उम्र में हो गई थी शादी आईपीएस एन. अंबिका तमिलनाडु की रहने वाली हैं. उन्हें बाल विवाह जैसी विपत्ति का सामना करना पड़ा था. एन. अंबिका की शादी 14 साल की उम्र में एक पुलिस कांस्टेबल से हुई थी. 18 साल की उम्र तक, वह दो बेटियों की मां बन चुकी थीं. हालांकि, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने खोए हुए सपनों पर फोकस करना शुरू कर दिया. उनके आईपीएस बनने का सफर गणतंत्र दिवस परेड से हुई, जहां उनके पति ने आईपीएस अधिकारियों को सलामी दी, जिसने उन्हें आईपीएस बनने के लिए प्रेरित किया. IPS बनने में मिला पति का साथ अंबिका का आईपीएस ऑफिसर बनने का सफर कक्षा 10वीं पूरी करने से पहले ही शुरू हो गया था. उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और एक निजी संस्थान से कक्षा 10वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी की और उसके बाद ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. बाद में वह यूपीएससी की तैयारी के लिए चेन्नई चली गई. इस बीच, उनके पति ने अपने प्रोफेशनल ड्यूटी को पूरा करते हुए अपने बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी पूरी की. हालांकि अंबिका की इस यात्रा में कई चुनौतियों भी आई. चौथे प्रयास में बने IPS ऑफिसर यूपीएससी में तीन बार असफल होने के बाद अंबिका के पति ने उन्हें घर लौटने की सलाह दी. इससे परेशान होकर वह अपने सपनों पर अड़ी रहीं और वर्ष 2008 में अपने चौथे प्रयास में आखिरकार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली और IPS Officer बन गई. महाराष्ट्र कैडर में तैनात, वह वर्तमान में मुंबई में पुलिस उपायुक्त के रूप में कार्यरत हैं. ये भी पढ़ें… जेईई में हासिल की टॉप 1 रैंक, ओलंपियाड में जीत चुके हैं गोल्ड मेडल, अब इस टॉप संस्थान से करना चाहते हैं पढ़ाई 35000 सैलरी वाली चाहिए नौकरी, तो NCERT में बिना देर किए तुरंत करें अप्लाई, नहीं देनी होगी कोई लिखित परीक्षा Tags: IPS Officer, Success Story, UPSCFIRST PUBLISHED : June 10, 2024, 12:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed