टीचर की नौकरी छोड़ राजनीति में उतरे थे कांग्रेस के पूर्व विधायक मस्तराम पढ़ें सुसाइड नोट क्या लिखा
टीचर की नौकरी छोड़ राजनीति में उतरे थे कांग्रेस के पूर्व विधायक मस्तराम पढ़ें सुसाइड नोट क्या लिखा
Karsog Former MLA Mast Ram Suicide Case: 16 सितंबर 1946 को जन्मे पूर्व विधायक मस्तराम ने अपने जीवन में कई उतार चढ़ाव देखे. बीते लगभग 50 वर्षों से मस्तराम कांग्रेस पार्टी के झंडाबरदार रहे. मस्तराम वर्ष 1993 और 2003 में एक बड़ी बढ़त से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर करसोग विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
मंडी. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के करसोग विधानसभा क्षेत्र से दो बार कांग्रेस पार्टी के विधायक रह चुके मस्त राम ने नगर परिषद सुंदरनगर के एक निजी होटल में पंखे से फंदा लगाकर जान दे दी. सोमवार को घटना की सूचना मिलते ही प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया. होटल मालिक ने मामले की सूचना पुलिस थाना को दी.
जांच के लिए डीएसपी सुंदरनगर दिनेश कुमार के नेतृत्व में होटल पहुंची पुलिस थाना बीएसएल कॉलोनी और सुंदरनगर की टीमों ने मौके से सुसाइड नोट बरामद किया है. पुलिस ने आरएफएसएल मंडी की फॉरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाकर जांच की है.
मंगलवार को मृतक मस्तराम (70) के शव का पुलिस ने पोस्टमार्टम मेडिकल कॉलेज नेरचौक में करवाया है. दिनेश कुमार ने बताया कि मामले में पुलिस की जांच जारी है और पोस्टमार्टम व साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन की रिपोर्ट आने का इंतजार किया है. इसके बाद मौत के सही कारणों का पता चल पाएगा.
मौके पर एक सुसाइड नोट भी मिला है और पूर्व विधायक मस्तराम ने अपनी मौत के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराया है. सुसाइड नोट में विधायक ने लिखा है कि उनकी मौत के लिए मेरे परिवार और होटल वालों को परेशान न किया जाए. अपनी मौत के लिए वे खुद जिम्मेदार हैं. सुसाइड नोट में यह भी लिखा कि उनके पास जो 7 हजार रुपये नकद हैं, वह उनकी पत्नी निर्मला को दे दी जाएं.
पूर्व विधायक ने सुसाइड नोट में लिखा है कि अगर उनके कारण किसी भी प्रकार का कोई खर्च आए तो उनके परिवार से खर्च लिया जाए. सुंदरनगर से कांग्रेस व भाजपा के नेताओं ने इस पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं और परिवार को दुःख की घड़ी में हर संभव सहायता व सहयोग देने का भरोसा भी दिलाया है.
टीचर की नौकरी छोड़ राजनीति में उतरे
16 सितंबर 1946 को जन्मे पूर्व विधायक मस्तराम ने अपने जीवन में कई उतार चढ़ाव देखे. बीते लगभग 50 वर्षों से मस्तराम कांग्रेस पार्टी के झंडाबरदार रहे. मस्तराम वर्ष 1993 और 2003 में एक बड़ी बढ़त से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर करसोग विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इस बार के विधानसभा चुनावों में भी मस्तराम कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रबल उम्मीदवार बताए जा रहे थे. मस्तराम ने वर्ष 1982 में शिक्षक के पद को छोड़कर राजनीति में कदम रखा और अपने राजनीतिक सफर में कई चुनावों में भाग्य अजमाया था.
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Tags: Himachal pradesh, Mandi news, SuicideFIRST PUBLISHED : July 12, 2022, 14:21 IST