यहां श्मशान घाट पर मनाते हैं दीवाली कब्र पर जलते दिये 60 सालों की प्रथा

Diwali Celebration at Crematorium: करीमनगर में दीवाली का जश्न श्मशान में मनाया जाता है, जहाँ परिवार अपने दिवंगत प्रियजनों की कब्रों पर दीप जलाते हैं और उन्हें याद करते हैं। यह अनोखी परंपरा शांति, सम्मान और प्रेम का प्रतीक है।

यहां श्मशान घाट पर मनाते हैं दीवाली कब्र पर जलते दिये 60 सालों की प्रथा
करीमनगर: दीवाली एक जीवंत उत्सव है, जो हर जगह लोगों द्वारा मनाया जाता है. इस त्योहार के दौरान, भक्त देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करते हैं. घरों को दीपों और इलेक्ट्रिक लाइट्स से सजाया जाता है, जो अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है और सभी के जीवन में खुशियाँ लाता है. दीप जलाना और पटाखे फोड़ना कई लोगों के लिए एक प्रिय परंपरा बन गई है. करीमनगर में दीवाली का अनूठा तरीका हालांकि, करीमनगर जिले में दीवाली का दृष्टिकोण काफी अलग है. पिछले 60 सालों से, इस समुदाय ने एक अनोखी परंपरा का पालन किया है. वे दीवाली का जश्न श्मशान में मनाते हैं. परिवार अपने प्रियजनों की कब्रों पर दीप जलाकर अपने पूर्वजों को सम्मान देते हैं, जो कि करीमनगर, तेलंगाना में जारी है. करजना गड्डा के हिंदू श्मशान में, एक विशेष सामाजिक समूह के परिवार हर साल अपने मृतक रिश्तेदारों की याद में एकत्र होते हैं. दीवाली की तैयारी त्योहार से एक सप्ताह पहले, परिवार कब्रों की सफाई और रंगाई करते हैं. दीवाली के दिन, वे कब्रों को फूलों से सजाने के लिए एकत्र होते हैं और शाम वहां बिताते हैं. वे अपने बुजुर्गों को याद करते हैं, उनके लिए भेंट चढ़ाते हैं, मोमबत्तियाँ जलाते हैं और उनकी पसंदीदा खाद्य वस्तुएँ कब्रों पर रखते हैं. परिवार आधी रात तक अनुष्ठान और प्रार्थनाएँ भी करते हैं. दीवाली का विशेष महत्व जब पूरे देश में लोग घरों और सार्वजनिक स्थानों पर दीवाली मनाते हैं, यहाँ करीमनगर में, ध्यान श्मशान पर केंद्रित होता है. समुदाय का मानना है कि इस विशेष दिन अपने प्रियजनों का सम्मान करने से उनकी आत्माओं को शांति मिलती है. हालांकि यह अनोखा प्रतीत हो सकता है, फिर भी कई लोग उन लोगों की यादों को मनाने में खुशी पाते हैं जो अब हमारे बीच नहीं हैं. Tags: Ajab ajab news, Diwali, Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : October 30, 2024, 12:29 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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