बेहद काम का है नैनो इमल्शन बैक्टीरिया और फंगल को खत्म करने में है कारगर

प्रो. नीलू और पुणे के डॉ. सौरभ दुबे ने दो साल तक शौध करने के बाद इस नैनो इमल्शन को तैयार किया गया है. इसका पेटेंट भी मिल गया है. नैनो इमल्शन को ऑयल इन वाटर के रूप में बनाया गया है. इस शोध में जो बातें सामने आई है कि अंगूर के बीजों से निकले तेल में उसमें एंटीबैक्टीरियल वह एंटीफंगल बेहतर होते हैं. यह बैक्टीरिया और फंगल को खत्म करने में कारगर है.

बेहद काम का है नैनो इमल्शन बैक्टीरिया और फंगल को खत्म करने में है कारगर
कानपुर. अंगूर का स्वाद तो आपने जरूर चखा होगा. लेकिन, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अंगूर के अंदर निकलने वाले बीज भी बेहद उपयोगी है. इन्हीं बीजों के इस्तेमाल से कानपुर के उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान के प्रोफेसर ने एक खास नैनो इमल्शन तैयार किया है. इसका इस्तेमाल विभिन्न चीजों में किया जा सकेगा. आइए जानते हैं कि कैसे तैयार किया गया है यह नैनो इमल्शन और किन-किन चीजों में होगा इसका इस्तेमाल. अंगूर के बीजों से तैयार किया नैनो एमल्शन उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान की एसोसिएट प्रो. नीलू कांबो द्वारा यह खास नैनो इमल्शन अंगूर के बीजों से निकलने वाले तेल से तैयार किया गया है. इस नैनो इमल्शन के लिए उनको पेटेंट भी मिल गया है. अब इससे उत्पाद तैयार कर प्रोडक्ट को भी बाजार में लाने की तैयारी है. डॉ. नीलू ने लोकल 18 को बताया कि अंगूर के बीजों से निकले हुए तेल और उसमें हाइड्रोसील मिलाकर एक नैनो इमल्शन बनाया गया है, जो कपड़ों को पूरी तरीके से बैक्टीरिया मुक्त करने में सक्षम है. इसके साथ ही इसका इस्तेमाल कॉस्मेटिक प्रोडक्ट में भी किया जा सकता है क्योंकि अंगूर एंटी एलर्जिक और एंटी एजिं वाला होता है. ऐसे में कॉस्मेटिक प्रोडक्ट में भी इस नैनो इमल्शन का इस्तेमाल किया जा सकेगा. कॉस्मेटिक बाजार में होगा बड़ा इस्तेमाल प्रो. नीलू ने लोकल 18 को बताया कि बाजार में कई प्रोडक्ट हैं जो कॉस्मेटिक इंडस्ट्री से जुड़े हैं. हालांकि बाजार में ऑर्गेनिक प्रोडक्ट की मांग ज्यादा है. लोग ज्यादा से ज्यादा ऑर्गेनिक प्रोडक्ट इस्तेमाल करना चाहते हैं. नैनो इमल्शन से तैयार होने वाले फेस क्रीम, सीरम, कॉस्मेटिक उत्पाद बनाने में भी मददगार साबित होगा. इसके साथ ही यह सेहत को जरा सा भी नुकसान नहीं पहुंचाएगा और इससे कॉस्मेटिक प्रोडक्ट से होने वाली एलर्जी स्किन रिएक्शन जैसी बीमारियां भी नहीं होगी. दो साल तक शोध के बाद तैयार हुआ नैनो इमल्शन इस नैनो इमल्शन को बनाने में प्रो. नीलू के साथ पुणे के डॉ. सौरभ दुबे ने काम किया है. 2 साल तक हुए शौध के बाद इस नैनो इमल्शन को तैयार किया गया है. इस नैनो इमल्शन को ऑयल इन वाटर के रूप में बनाया गया है. जिसमें सॉल्वेंट की जगह पानी और सर्फेक्टेंट के स्थान पर 10 फीसदी सर्फेक्टेंट ही मिलाया गया है. इस शोध में जो बातें सामने आई है वह यह है कि अंगूर के बीजों से जो तेल निकलता है, उसमें एंटीबैक्टीरियल वह एंटीफंगल बेहतर होते हैं. इस वजह से यह बैक्टीरिया और फंगल को खत्म करने में पूरी तरीके से कारगर है. इस नैनो इमल्शन का इस्तेमाल टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग ,कॉस्मेटिक इंडस्ट्री और फार्मा में किया जा सकता है. Tags: Kanpur news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 13, 2024, 13:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed