जया अमिताभ बच्चन राज्यसभा में सुनते ही भड़क गईं सपा सांसद फिर छलक आए आंसू
जया अमिताभ बच्चन राज्यसभा में सुनते ही भड़क गईं सपा सांसद फिर छलक आए आंसू
राज्यसभा में सोमवार को समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन के अलग-अलग रूप देखने को मिले. पहले वह राज्यसभा के उप-सभापित हरिवंश पर भड़क गईं और दिल्ली में हुए कोचिंग हादसे पर बोलते हुए बेहद भावुक हो गईं. इस दौरान उनकी आंखें तक नम दिखीं.
नई दिल्ली. राज्यसभा में सोमवार को समाजवादी पार्टी की सदस्य जया बच्चन के अलग-अलग रूप देखने को मिले. पहले वह राज्यसभा के उप-सभापित हरिवंश पर भड़क गईं और दिल्ली में हुए कोचिंग हादसे पर बोलते हुए बेहद भावुक हो गईं. इस दौरान उनकी आंखें तक नम दिखीं.
दरअसल राज्यसभा में सोमवार को दिल्ली कोचिंग हादसे पर चर्चा हो रही थी. इस दौरान उप-सभापति हरिवंश ने चर्चा में शामिल होने के लिए सपा सांसद का नाम पुकारते हुए कहा ‘श्रीमती जया अमिताभ बच्चन’… यह बात शायद सपा सदस्य को नगवार गुजरी और उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा, ‘सिर्फ जया बच्चन बोल देते, तो काफी था.’
फिर उप-सभापति ने कहा, ‘यहां आपका यही पूरा नाम लिखा है.’ इस पर जया बच्चन ने कहा, ‘यह जो नया चलन है, उसके अनुसार, महिलाएं अपने पति के नाम से जानी जाएंगी, मानो उनकी अपनी कोई उपलब्धि नहीं है.’ तब हरिवंश ने कहा ‘आपकी बहुत उपलब्धि है.’
हालांकि फिर राज्यसभा में जया बच्चन ने कोचिंग सेंटर हादसे पर बात रखनी शुरू की और इस घटना को लेकर राजनीति नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि पीड़ितों के परिवारों के दुख के बारे में कुछ भी नहीं कहना बेहद निराश करने वाला है.
जया बच्चन ने कहा, ‘बच्चों के परिवारों के बारे में किसी ने कुछ नहीं कहा. उन पर क्या गुजरी होगी! तीन युवा बच्चे चले गए.’ उन्होंने कहा कि पीड़ितों के परिवारों के दुख के बारे में कुछ भी नहीं कहना बेहद क्षुब्ध करने वाला है. उन्होंने कहा, ‘मैं एक कलाकार हूं, मैं बॉडी लैंग्वेज और चेहरे के भाव समझती हूं. सब लोग अपनी-अपनी राजनीति कर रहे हैं. इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए.’
जया ने कहा, ‘नगर निगम का क्या मतलब होता है. जब मैं यहां शपथ लेने आई तब (मुंबई में) मेरा घर बेहाल था. वहां घुटने तक पानी भरा था. इस एजेंसी का काम इतना बदतर होता है कि मत पूछिये. इसके लिए हम जिम्मेदार हैं, क्योंकि हम शिकायत नहीं करते हैं और न ही इस पर कार्रवाई होती है. जिम्मेदार प्रभारियों की क्या जिम्मेदारी होती है ?…. और यह सिलसिला चलते जाता है.’
उन्होंने मशहूर कवि और अपने श्वसुर हरिवंश राय बच्चन की एक कविता की ये पंक्तियां पढ़ीं, ‘भार उठाते सब अपने-अपने बल, संवेदना प्रथा है केवल, अपने सुख-दुख के बोझ को सबको अलग-अलग ढोना है. साथी हमें अलग होना है.’
Tags: Delhi news, Jaya bachchan, Rajya sabhaFIRST PUBLISHED : July 30, 2024, 07:25 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed