दुधारू पशुओं के लिए नंबर वन फूड है आम-सी दिखने वाली ये खास घास
दुधारू पशुओं के लिए नंबर वन फूड है आम-सी दिखने वाली ये खास घास
डॉ. मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि दूब घास में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो इसे पशुओं के लिए नंबर वन फूड बनाते हैं. इनमें उच्च मात्रा में प्रोटीन होता है जो पशुओं के मांसपेशियों के विकास और सामान्य शरीर कार्यों के लिए आवश्यक होता है.
शाहजहांपुर : दूब घास जिसे आमतौर पर “दूर्वा” या “हरी दूब” के नाम से जाना जाता है. ये घास पशुओं के लिए एक अत्यंत पौष्टिक और पसंदीदा चारा है. इस घास में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. पशुओं की सेहत के लिए बेहद लाभकारी होते हैं. यही कारण है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी पशुओं को चराने की परंपरा देखी जाती है.
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि दूब घास में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो इसे पशुओं के लिए नंबर वन फूड बनाते हैं. इनमें उच्च मात्रा में प्रोटीन होता है जो पशुओं के मांसपेशियों के विकास और सामान्य शरीर कार्यों के लिए आवश्यक होता है. दूब घास विटामिन में ए, बी, और सी के साथ-साथ कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. ये पोषक तत्व पशुओं की हड्डियों की मजबूती और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं. दूब घास में फाइबर की उच्च मात्रा होती है जो पशुओं के पाचन तंत्र को स्वस्थ रखती है और पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करती है.
दूब घास में नहीं होते हानिकारक रसायनों के अवशेष
डॉ. मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि दूब घास बिना किसी रासायनिक उर्वरक या कीटनाशक के उगाई जाती है, जो इसे पूरी तरह से प्राकृतिक और सुरक्षित बनाती है. रासायनिक तरीके से उगाई गई घासों में अक्सर हानिकारक रसायनों के अवशेष रह जाते हैं जो पशुओं की सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं. प्राकृतिक रूप से उगाई जाने वाली दूब घास में पोषण मूल्य अधिक होता है. रासायनिक घासों में पोषक तत्वों की मात्रा कम हो सकती है क्योंकि रसायनों का उपयोग मिट्टी की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचा सकता है.
पर्यावरण के लिए भी लाभकारी
डॉ. मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि दूब घास पर्यावरण के लिए भी लाभकारी होती है, क्योंकि इसे उगाने में किसी भी प्रकार के हानिकारक रसायनों का उपयोग नहीं होता है. यह मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने में भी मदद करती है.
आसानी से उपलब्ध है दूब घास
डॉ. मनोज कुमार अग्रवाल का कहना है कि पशुपालक पशुओं को दूब घास ज्यादा से ज्यादा खिलाएं. यह घास न केवल पौष्टिक होती है बल्कि पशुओं की सेहत को भी बनाए रखती है. यह भी बताया कि दूब घास आसानी से उपलब्ध होती है और इसे उगाना भी आसान है, जिससे यह एक किफायती विकल्प बन जाती है.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 30, 2024, 14:43 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed