इराक: राष्ट्रपति भवन पर हमले के बाद प्रदर्शनकारियों ने स्विमिंग पूल में लगाई डुबकी देखें वीडियो
इराक: राष्ट्रपति भवन पर हमले के बाद प्रदर्शनकारियों ने स्विमिंग पूल में लगाई डुबकी देखें वीडियो
Iraq Crisis: इराकी प्रदर्शनकारियों को स्विमिंग पूल में डुबकी लगाते हुए देखा गया है. कुछ ऐसा ही हुआ था जब श्रीलंका में प्रदर्शनकारी कोलंबो में राजपक्षे के पूल में कूद गए थे. इराक के प्रभावशाली शिया मौलवी मुक्तदा अल-सद्र ने सोमवार को राजनीति छोड़ने का ऐलान कर दिया जिसके बाद देश भर में हिंसा भड़क गई. हिंसक विरोध प्रदर्शन के कारण देश की स्थिति बदतर होती जा रही है. ताजा जानकारी के अनुसार अब तक हिंसक झड़पों के कारण मरने वालों की संख्या 20 तक पहुंच गई है. वहीं 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं
हाइलाइट्सझड़पों के कारण मरने वालों की संख्या 20 तक पहुंच गई है.इराकी प्रदर्शनकारियों को स्विमिंग पूल में डुबकी लगाते हुए देखा गया है.देश 10 महीने से अधिक समय से स्थिर सरकार के बिना रहा है.
नई दिल्ली. इराक के प्रभावशाली शिया मौलवी मुक्तदा अल-सद्र ने सोमवार को राजनीति छोड़ने का ऐलान कर दिया जिसके बाद देश भर में हिंसा भड़क गई. हिंसक विरोध प्रदर्शन के कारण देश की स्थिति बदतर होती जा रही है. ताजा जानकारी के अनुसार अब तक हिंसक झड़पों के कारण मरने वालों की संख्या 20 तक पहुंच गई है. वहीं 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. प्रदर्शनकारी पहले से ही बगदाद में राष्ट्रपति भवन के सामने धरना दे रहे थे और चल रहे राजनीतिक संकट के बीच अल-सद्र के राजनीति छोड़ने की खबर ने उन्हें ग्रीन जोन में प्रवेश करने के लिए उकसा दिया. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सेना ने हैंड ग्रेनेड और आंसू गैस का इस्तेमाल किया और इस प्रक्रिया में सोमवार को कई लोगों की जान चली गई.
यह ठीक उसी तरह है, जैसे श्रीलंका में आर्थिक संकट के विरोध में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास में जनता के घुसने के बाद हुआ था. समानताएं यहीं समाप्त नहीं होती हैं इराकी प्रदर्शनकारियों को स्विमिंग पूल में डुबकी लगाते हुए देखा गया है. कुछ ऐसा ही हुआ था जब श्रीलंका में प्रदर्शनकारी कोलंबो में राजपक्षे के पूल में कूद गए थे. Right now:
Sadrist protestors swimming in the presidential palace pool.#Baghdad #Iraq pic.twitter.com/H20wUVsHgb
— Suhad Talabany (@TalabanySuhad) August 29, 2022
संघर्ष इराक के राजनीतिक संकट के कारण हुआ है क्योंकि देश 10 महीने से अधिक समय से स्थिर सरकार के बिना रहा है. 2003 में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा देश पर हमला करने के बाद से सबसे लंबा है. मालूम हो कि यह पहली बार नहीं है जब अल-सद्र ने संन्यास की घोषणा की है. वह इससे पहले भी ऐसी घोषणा कर चुके हैं. कई लोगों ने अल-सद्र के इस कदम को वर्तमान गतिरोध के बीच प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ बढ़त हासिल करने का एक और प्रयास करार दिया. हालांकि कुछ ने यह आशंका जताई है कि इस बार के उनके कदम से देश की स्थिति और बिगड़ सकती है, जो पहले से ही खराब है.
इधर संयुक्त राष्ट्र ने इराक के सभी दलों से अपने मतभेदों से ऊपर उठ कर स्थिति को संभालने का आग्रह किया है. इराक में उपजे इस स्थिति से कई देश चिंतित हैं. इसका सबसे बड़ा कारण भारत के साथ-साथ कई देशों का तेल इराक से आता है.
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Tags: Iraq, ViolenceFIRST PUBLISHED : August 30, 2022, 16:58 IST