EXCLUSIVE: गुजरात के कांडला बंदरगाह का होगा विस्तार 6000 करोड़ से तैयार होंगे दो नए प्रोजेक्ट
EXCLUSIVE: गुजरात के कांडला बंदरगाह का होगा विस्तार 6000 करोड़ से तैयार होंगे दो नए प्रोजेक्ट
Kandla port expansion: कार्गो हैंडलिंग के लिहाज से देश के सबसे बड़े पोर्ट दीनदयाल बंदरगाह (कांडला पोर्ट) में नया मेगा कंटेनर टर्मिनल और एक नया बहुउद्देश्यीय कार्गो बर्थ बनाया जाना है. 6 हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट के लिए वैश्विक निविदाएं आमंत्रित की गई हैं. इनके बनने से बंदरगाह की क्षमता में भारी इजाफा होगा.
नई दिल्लीः गुजरात के कांडला में दीनदयाल बंदरगाह के लगभग 6,000 करोड़ रुपये की मेगा विस्तार परियोजना के लिए भारत ने दुनिया भर से निविदाएं आमंत्रित की हैं. कार्गो हैंडलिंग के लिहाज से देश के उस सबसे बड़े बंदरगाह में दो नए प्रोजेक्ट तैयार किए जाने हैं. ये काम पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर किया जाएगा. इनके पूरा होने के बाद बंदरगाह की क्षमता में भारी इजाफा हो जाएगा. इन दोनों प्रोजेक्टों को कॉन्ट्रैक्ट के 30 से 36 महीनों के भीतर तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है.
पिछले हफ्ते जारी इन निविदाएं के दस्तावेज up24x7news.com को मिले हैं. इसके मुताबिक, दीनदयाल बंदरगाह पर एक नया मेगा-कंटेनर टर्मिनल और एक नया बहुउद्देश्यीय कार्गो बर्थ बनाया जाना है. टर्मिनल पर लगभग 4,244 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है, जबकि बर्थ की लागत 1,720 करोड़ रुपये हो सकती है. इन प्रोजेक्टों की बदौलत कांडला में दीनदयाल बंदरगाह की कार्गो हैंडलिंग क्षमता में काफी बढ़ोतरी हो जाएगी. भारत का सबसे बड़ा वाणिज्यिक बंदरगाह भारत का मुंद्रा पोर्ट है.
विस्तार से पूरी होंगी भविष्य की जरूरतें
कोविड -19 महामारी के दौरान भारत में कार्गो की आवाजाही कम हो गई थी, लेकिन 2021 से इसने फिर से रफ्तार पकड़ ली है. इसी के मद्देनजर निविदा दस्तावेज में कहा गया है, “देश के आर्थिक विकास में अपेक्षित सुधार, कांडला में लगातार बढ़ रहे ड्राई कार्गो ट्रैफिक और कांडला पोर्ट पर ड्राई कार्गो हैंडलिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के अत्यधिक उपयोग को देखते हुए यह महसूस किया गया है कि सुविधाओं को और बढ़ाए जाने की आवश्यकता है.” बोली दस्तावेज के मुताबिक, बहुउद्देश्यीय और कंटेनर कार्गो ट्रैफिक के मामले में ये दो नई परियोजनाएं भविष्य की जरूरतों को पूरा करेंगी.
पोर्ट की क्षमता में होगा भारी इजाफा
दीनदयाल बंदरगाह से गुजरात के अलावा जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि में मुख्य रूप से सामान की आवाजाही होती है. ड्राई कार्गो हैंडलिंग के मामले में बंदरगाह की मौजूदा क्षमता 59.96 एमएमटीपीए (मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष) है. वहीं कंटेनर कार्गो की क्षमता 6 लाख टीईयू (बीस फुट समतुल्य इकाइयां) सालाना है. नई प्रोजेक्टों से ड्राई कार्गो को संभालने की क्षमता 18.33 एमएमटीपीए और कंटेनर यातायात के 2.19 मिलियन टीईयू तक पहुंचने की उम्मीद है.
330 हेक्टेयर में फैला है कांडला पोर्ट
कांडला में 330 हेक्टेयर में फैले दीनदयाल बंदरगाह में नई बनने वाली बर्थ का उपयोग बहुउद्देशीय कार्गो जैसे खाद्यान्न, उर्वरक, कोयला, अयस्क और खनिज और स्टील कार्गो आदि की हैंडलिंग के लिए किया जाएगा. इसे इस तरह तैयार किए जाएगा कि 6,000 टीईयू क्षमता वाले कंटेनरों के जहाजों को भी संभाल ले. इसके अलावा यूटिलिटी कॉरिडोर, रेल रोड कनेक्टिविटी, रेल लोडिंग यार्ड और आवश्यक बैकअप एरिया भी विकसित किया जाएगा.
भारतीय बंदरगाह और इतिहास
लगभग 7,000 किमी की तटरेखा वाले भारत में 12 प्रमुख बंदरगाह हैं, जिनमें से एन्नोर को छोड़कर बाकी सभी स्वायत्त निकाय हैं, जिनका संचालन भारत सरकार द्वारा नियुक्त न्यासी बोर्ड द्वारा किया जाता हैं. कांडला बंदरगाह का निर्माण 1931 में हुआ था. 1952 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कच्छ की खाड़ी में भारत के पश्चिमी तट पर नए बंदरगाह की आधारशिला रखी थी, क्योंकि कराची बंदरगाह पाकिस्तान में चला गया था. सरकार दीनदयाल बंदरगाह को ‘नई सहस्राब्दी का बंदरगाह’ बताती है.
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Tags: Economy, GujaratFIRST PUBLISHED : July 06, 2022, 12:40 IST