नैनीताल: स्वरोजगार की दिशा में उत्तराखंड सरकार की बड़ी पहल मौन पालन के लिए शुरू हुई 7 दिन की ट्रेनिंग
नैनीताल: स्वरोजगार की दिशा में उत्तराखंड सरकार की बड़ी पहल मौन पालन के लिए शुरू हुई 7 दिन की ट्रेनिंग
मौन पालन केंद्र में आयोजित इस 7 दिन के प्रशिक्षण शिविर में देहरादून, टिहरी, बागेश्वर, चंपावत, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नैनीताल, उधम सिंह नगर के मौनपालक प्रतिभाग कर रहे हैं. केंद्रीय मधुमक्खी शोध संस्थान पुणे की पूर्व सहायक डॉ लक्ष्मी राव ने बताया कि इस ट्रेनिंग में थ्योरी के साथ प्रैक्टिकल भी किसानों को करवाया जा रहा है.
(रिपोर्ट- हिमांशु जोशी)
नैनीताल. उत्तराखंड के नैनीताल जिले के ज्योलीकोट में स्थित राजकीय मौन पालन केंद्र (Honey Bee Center Jeolikote) में इन दिनों मधुमक्खी पालन से जुड़े रोजगार को लेकर ट्रेनिंग दी जा रही है. 7 दिन की इस ट्रेनिंग में उत्तराखंड राज्य के अलग-अलग जिलों से आकर मौनपालक प्रतिभाग कर रहे हैं. इस ट्रेनिंग में 50 लोग शामिल हुए हैं. इसमें केवल शहद ही नहीं बल्कि उच्च मूल्य वाले मौन सह उत्पादों के उत्पादन को भी बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है.
मौन पालन केंद्र में आयोजित इस 7 दिन के प्रशिक्षण शिविर में देहरादून, टिहरी, बागेश्वर, चंपावत, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नैनीताल, उधम सिंह नगर के मौनपालक प्रतिभाग कर रहे हैं. यह प्रशिक्षण बिलकुल मुफ्त दिया जा रहा है.
ट्रेनिंग में मिलेगी ये जानकारी
केंद्रीय मधुमक्खी शोध संस्थान पुणे की पूर्व सहायक डॉ लक्ष्मी राव ने बताया कि इस ट्रेनिंग में थ्योरी के साथ प्रैक्टिकल भी किसानों को करवाया जा रहा है. इसमें किस तरह प्रोडक्शन करना है, प्रोडक्ट का रखरखाव कैसे करना है, पैकिंग करने और मार्केट ले जाने से संबंधित सभी जानकारियां दी जा रही हैं. उन्होंने आगे कहा कि इस ट्रेनिंग में केवल शहद ही नहीं बल्कि कई अन्य उत्पाद जैसे कि रॉयल जेली, प्रोपोलिस, बी वेनम और पौलन के बारे में भी जानकारी दी जा रही है. इन उत्पादों की कीमत शहद के मुकाबले काफी ज्यादा है, जिस वजह से किसानों की आय में बढ़ोतरी हो सकती है.
प्रशिक्षण ले रहे भुवन चंद्र ने कहा कि उन्हें यहां काफी कुछ सीखने को मिल रहा है. मधुमक्खी पालन कैसे करना है, बॉक्स कैसे रखना है, इससे जुड़ी सावधानियां आदि सभी बातों को यहां सिखाया जा रहा है. वहीं, बलबीर सिंह ने कहा कि यह ट्रेनिंग सभी के लिए आर्थिक तौर पर काफी लाभकारी है. स्वरोजगार की दिशा में भी यह बेहतर कदम साबित होगा.
शहद से ज्यादा है उन्य उत्पादों की कीमत
बताते चलें कि जहां सामान्य शहद की कीमत 200 से 250 रुपये प्रति किलो है, तो वहीं पौलन ₹1000 प्रति किलो, प्रोपोलिस ₹2000 प्रति किलो, रॉयल जैली 20 से ₹25000 प्रति किलो और बी वेनम ₹10000 से ₹12000 प्रति ग्राम बिकता है.
वहीं, राजकीय मौन पालन केंद्र में समय-समय पर इस तरह के प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाता है. इससे संबंधित जानकारी के लिए आप सीनियर रिसर्च असिस्टेंट पीएस कनवाल से इस नंबर 9410381943 पर संपर्क कर सकते हैं.
केंद्र का पता है- मौन पालन केंद्र, गांजा, ज्योलीकोट, नैनीताल, उत्तराखंड.
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Tags: Nainital news, Uttarakhand GovernmentFIRST PUBLISHED : July 06, 2022, 12:50 IST