उत्तराखंड में उच्च गढ़वाल हिमालय क्षेत्र में स्थित विश्वविख्यात बद्रीनाथ मंदिर के ठीक नीचे बहने वाली अलकनंदा नदी लगातार अपना रौद्र रूप धारण करती जा रही है. यहां स्थित नारद कुंड पूरी तरह से डूब चुका है. अलकनंदा का पानी लगातार बढ़ता जा रहा है. लगातार हो रही बारिश और नदियों के उफान के चलते स्थानीय प्रशासन ने नदी के आसपास से लोगों को हटाना शुरू कर दिया है. मुनादी करके तीर्थयात्रियों को स्थानीय लोगों को नदी से दूर रहने को कहा जा रहा है.
अलकनंदा नदी के आसपास मुनादी करवाई जा रही है- “आप लोग अभी ऊपर चले जाएं. नदी का स्तर अभी और बढ़ने की संभावना है. नदी का स्तर काफी बढ़ चुका है, जो कि कभी नहीं बढ़ा था.”
नदी के तट पर महायोजना के तहत हो रही खुदाई के कारण सोमवार देर शाम नदी में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई. पानी इतना बढ़ गया है कि पानी ऐतिहासिक तप्तकुंड की सीमा को छूने लगा जिससे बद्रीनाथ धाम में मौजूद श्रद्धालु और स्थानीय लोग सहमे हुए हैं.
अलकनंदा नदी, बद्रीनाथ मंदिर से कुछ ही मीटर नीचे बहती है. नदी तट और मंदिर के बीच में ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पवित्र तप्तकुंड है और मंदिर के दर्शन करने से पूर्व श्रद्धालु गर्मपानी के इसी कुंड में स्नान कर भगवान बद्रीविशाल के दर्शन करते हैं. इसी स्थान के पास ब्रह्मकपाल क्षेत्र है जहां भक्तजन अपने पूर्वजों की याद में पित्रदान करते हैं. इसी क्षेत्र में नदी के तट पर 12 शिलाएं हैं जो बद्रीनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पूजनीय हैं.
अलकनंदा नदी इसी इलाके में कई घंटों तक उफान पर रही. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, नदी का यह रौद्र रूप भयावह था. स्थानीय लोगों ने बताया कि महायोजना के तहत हो रही खुदाई के कारण बद्रीनाथ मंदिर के निचले हिस्से में तट पर जमा मलबे की मिट्टी अलकनंदा का जलस्तर बढ़ने के साथ बह गयी थी लेकिन छोटे पत्थर और बोल्डर वहीं पर जमे रहे और उन्होंने मंदिर के नीचे अलकनंदा के प्रवाह को रोक दिया. इससे लगभग तीन घंटे तक बद्रीनाथ मंदिर का ब्रह्मकपाल क्षेत्र खतरे की जद में है.
Tags: Badrinath Dham, Chardham Yatra, Uttarakhand news, Weather newsFIRST PUBLISHED : July 2, 2024, 14:20 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed