कॉर्बेट टाइगर सफारी मामला: ED खंगाल रही है पूर्व वन मंत्री की पूरी कुंडली

कार्बेट टाइगर रिजर्व के भीतर पाखरौ में टाइगर सफारी निर्माण मामले में हुई गड़बड़ी की जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. जांच की आंच में अब वन विभाग के और भी कई अफसर झुलसने वाले हैं.जांच का आधार बनेगा ईडी का वो लेटर जो उसने वन विभाग की कैंपा यूनिट को भेजा है. क्या है इस लेटर में?

कॉर्बेट टाइगर सफारी मामला: ED खंगाल रही है पूर्व वन मंत्री की पूरी कुंडली
देहरादून: पाखरौ टाइगर सफारी मामले में गड़बड़ियों की परत दर परत खुलती जा रही है. मामले को लेकर नई जानकारी ये है कि कार्बेट टाइगर सफारी के निर्माण की आड़ में जो अन्य निर्माण कार्य किए गए, उसमें कैंपा के 5 करोड़ 56 लाख रूपए भी शामिल है, जिनमें से कालागढ़ टाइगर रिजर्व के तत्कालीन डीएफओ ने एक करोड 70 लाख रूपए जंगलों की सुरक्षा के बजाए नियम विरूद्व एसी, फ्रीज आदि खरीदने पर लुटा दिए. जब किसी वन भूमि को विकास कार्यों के लिए अन्य विभाग को दिया जाता है, तो उसके मुआवजे के रूप में संबंधित विभाग निर्धारित रकम देता है, जो कैंपा फंड में जमा होती है. टाइगर सफारी के इस पूरे प्रकरण में इन पैसों का जमकर दुरूपयोग किया गया. मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत सफारी मामले की जांच कर रही ईडी ने अब सीईओ कैंपा को मेल भेजा है. ईडी के डिप्टी डायरेक्टर राजीव जैन द्वारा भेजे गए इस मेल में कुछ बिंदुओं पर प्राथमिकता के आधार पर डिटेल्ड रिपोर्ट मांगी गई है. पूर्व वन मंत्री का नाम शामिल इस मामले में तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत का नाम भी लपेटे में है. उनके ही कार्यकाल में कैंपा का पूरा घोटाला किया गया. हरक सिंह रावत के कार्यकाल 2017 से अब तक कैंपा से जुड़े सभी अधिकारियों का विवरण और उनकी भूमिका की जांच की जा रही है. 2017 से अब तक कैंपा को आवंटित फंड की डिटेल रिपोर्ट भी मांगी गई है. इसके अलावा 2017 से अब तक कैंपा से खर्च किए गए धन का ब्यौरा भी खंगाला जा रहा है. कैंपा के सीईओ रंजन कुमार मिश्रा का कहना है कि कैंपा की धनराशि नियमानुसार खर्च की जाती है. धनराशि जिस भी डिवीजन को आवंटित होती है, उससे यूटीलाइजेशन सर्टिफिकेट लिया जाता है और विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया जाता है. हर साल मिलता है करोड़ों का फंड उत्तराखंड को कैंपा फंड में हर साल साढे तीन सौ करोड़ के आसपास फंड मिलता है. इस फंड के उपयोग को लेकर हमेशा ही सवाल खड़े होते रहे हैं. लेकिन अब ईडी की कैंपा में एंट्री ने कईयों की नींद उड़ा दी है. अब कार्बेट से बाहर भी कई डीएफओ से पूछताछ हो सकती है जिन्होंने इन सालों में कैंपा की धनराशि खर्च की. ये भी कहा जा रहा है कि इस जांच में बड़ी गड़बड़ियां भी सामने आ सकती हैं. जांच की आंच कितने अधिकारियों को जलाएगी, ये देखने वाली बात होगी. Tags: Corbett Tiger Reserve, Harak singh rawat, Uttarakhand newsFIRST PUBLISHED : September 11, 2024, 18:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed