Cyber Crime: क्या सच में मोबाइल पर बात करते-करते खाली हो सकता है आपका अकाउंट क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट
Cyber Crime: क्या सच में मोबाइल पर बात करते-करते खाली हो सकता है आपका अकाउंट क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट
जब आप किसी भी ऐप को डाउनलोड करते हैं तो क्या उसके बारे में दी गई सूचनाएं पढ़ते हैं? नहीं तो आदत डाल लीजिए. असल में ऐप को डेवलप करने वाले यह जानकारी लिखते हैं कि कोई ऐप आपके फ़ोन को रिमोट कंट्रोल पर ले सकता है. क्या है ये पूरा मामला? जानने के लिए देखिए ये रिपोर्ट.
देहरादून. साइबर क्राइम पुलिस के सामने चुनौतियां हैं कि खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. कहीं साइबर क्राइम अपराधियों के तरीकों और उनके मंसूबों पर साइबर पुलिस पानी फेर रही है तो कहीं साइबर ठग क्राइम के नये नये तरीके ईजाद कर रहे हैं. इस तरह की खबरें आ रही हैं कि आपने मोबाइल फोन पर काॅल उठाते ही ‘हलो’ बोला यानी बातचीत करते हुए ही बगैर ओटीपी या जानकारी शेयर किए ही आपके बैंक खाते खाली हो सकते हैं! हैरान करती इस खबर का सच यही है कि ऐसा नहीं है. काॅल के दौरान अगर आपके साथ ठगी हो रही है, तो इसकी वजह कुछ और है.
अभी तक साइबर ठग अलग-अलग तरीके आज़माकर ओटीपी के ज़रिये साइबर फ्राॅड को अंजाम दे रहे थे, जिसपर पुलिस ने लगातार अपील की और ओटीपी शेयर न करने की सलाह दी थी. अब साइबर ठगों ने बिना ओटीपी शेयर के ही ठगी का नया तरीका खोजा है. इसमें पहले साइबर ठग आपके मोबाइल को हैक करेंगे, जिसके लिए एनी डेस्क जैसे ऐप आपके मोबाइल में डाउनलोड करवाते हैं और जैसे ही आपके मोबाइल का पूरा एक्सेस साइबर ठगों के हाथों में आएगा तब आपका ध्यान बंटाने के लिए काॅल की चाल चली जाएगी. साइबर पुलिस सेल के सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया यह साइबर ठगी कैसे होती है. देखिए.
– पहले किसी लुभावने ढंग से आपके मोबाइल फोन पर कोई लिंक भेजा जाएगा
– किसी तरह आपको कोई न कोई ऐप डाउनलोड करने पर मजबूर किया जाएगा
– आपको पता नहीं होगा कि यह ऐप आपके फोन का रिमोट कंट्रोल ठग को दे देगा
– इसके बाद आपको एक काॅल किया जाएगा और यह सिर्फ आपका ध्यान बंटाने के लिए होगा
– काॅल के दौरान रिमोट कंट्रोल से आपके फोन को एक्सेस कर आपके बैंक अकाउंट को खाली किया जाएगा
लगातार साइबर क्राइम के पास कुछ ऐसे केस आ रहे हैं, जिनमें पीड़ितों का कहना है कि बिना ओटीपी शेयर किए या फिर कोद जानकारी दिए बगैर खातों से रकम गायब हो रही है. पीड़ितों को लग रहा है कि सिर्फ एक काॅल के दौरान राशि चोरी हो रही है, लेकिन मिश्रा का कहना है कि पूछताछ करने पर ऐसे पीड़ितों ने माना कि उस काॅल से कुछ समय या दिन पहले उन्होंने कोई न कोई संदिग्ध ऐप डाउनलोड किया. या फिर किसी न किसी ऐसी लिंक पर क्लिक किया, जहां से उनका फोन रिमोट एक्सेस पर चला गया.
तो आप कैसे इस ठगी से बच सकते हैं?
– किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें, न ही किसी भी अनजान ऐप को डाउनलोड करें
– आकर्षक डील देने वाले मैसेजों की सत्यता जांचने के बाद ही किसी तरह का डिजिटल ट्रांज़ैक्शन करें
– कोई भी ऐप डाउनलोड करने से पहले प्ले स्टोर पर उसके बारे में ठीक से पढ़ें. यहां आपको यह सूचना मिलेगी कि वह ऐप क्या आपके फोन का रिमोट एक्सेस ले लेता है.
– इसके साथ ही, जागरूक रहें और पुलिस द्वारा जारी की जाने वाली हिदायतों से समय समय पर अपडेट होते रहें.
– इसके बावजूद अगर किसी किस्म की साइबर ठगी हो जाए तो जितनी जल्दी हो सके, हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करें.
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Tags: Crime News, Cyber Fraud, Uttarakhand PoliceFIRST PUBLISHED : July 27, 2022, 13:53 IST