कोरोना संकट काल में खेती में आया था बूम मगर अब किसानी छोड़ पुराने काम-धंधों को लौट रहे लोग जानें वजह

Uttarakhand News: कोरोना काल में जिस खेती ने लोगों को सहारा दिया; संकट काल से उबरने के बाद लोगों ने उसी खेती को फिर उसके हाल पर छोड़ दिया. यानी खेती को छोड़ लोग फिर अपने पुराने काम धंधों पर लौट गए. ये बात राज्य के ईकोनॉमिक्स एंड स्टैटिक्स डिपार्टमेंट की ताजा रिपोर्ट में सामने आई है.

कोरोना संकट काल में खेती में आया था बूम मगर अब किसानी छोड़ पुराने काम-धंधों को लौट रहे लोग जानें वजह
हाइलाइट्सईकोनॉमिक्स एंड स्टैटिक्स डिपार्टमेंट की हैरान करनेवाली रिपोर्ट.उत्तराखंड में खेती छोड़ अपने पुराने काम धंधे पर लौट रहे लोग.कोरोना संकट काल में उत्तराखंड में किसानी में आया था उछाल. देहरादून. उत्तराखंड में आज भी साठ फीसदी से अधिक परिवारों की आजीविका कृषि पर निर्भर है. लेकिन, खेती बारी का ये धंधा परवान नहीं चढ़ पा रहा है. कृषि भूमि तो लगातार कम हो ही रही है और लोगों का मोह भी इससे भंग हो रहा है. राज्य के सांख्यिकी विभाग की ताजा रिपोर्ट बताती है कि एग्रीकल्चर सेक्टर में लगातार डाउन फॉल आ रहा है. बता दें कि सालों बाद कोरोना काल में 2020-21 में इसमें उछाल देखा गया था. कारण था कि कोविड के कारण लोग घरों को लौटे थे और उन्होंने खेती बारी का काम शुरू किया था. लेकिन कोविड के हालात सामान्य होते ही इसमें एक बार फिर गिरावट आ गई. सांख्यिकी विभाग के निदेशक सुशील कुमार के अनुसार, साल 19-20 राज्य की अर्थव्यवस्था में जहां कृषि क्षेत्र का योगदान 11 फीसदी था. कोरोना काल में 20-21 में ये बढ़कर 13 फीसदी पहुंच गया, लेकिन हालात सामान्य होते ही 21-22 में कृषि क्षेत्र का योगदान घटकर बारह फीसदी पहुंच गया. आपके शहर से (देहरादून) उत्तराखंड उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश राजस्थान हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब देहरादून ऋषिकेश देहरादून चमोली नैनीताल पिथौरागढ़ पौड़ी गढ़वाल बागेश्वर रुद्रप्रयाग चम्पावत टिहरी गढ़वाल हरिद्वार अल्मोड़ा उत्तरकाशी ऊधमसिंह नगर हल्द्वानी दवाइयां खरीदते समय रहें सावधान! उत्तराखंड की 11 फार्मा कंपनियों के सैंपल फेल  किसमें कितना है दम? एक ही दिन कांग्रेस के दो कद्दावर के देहरादून और हरिद्वार में अलग-अलग प्रोगाम! देहरादून के शौर्य स्थल में लगेंगे चार चांद, युद्ध स्मारक की शोभा बढ़ाएगा ऐतिहासिक 'विजयंत टैंक' उत्तराखंड की महिलाओं को 'गौरा शक्ति ऐप' से मिला सुरक्षा कवच, जानें कैसे मिलेगी मदद? आफताब का एक कबूलनामा और दिल्ली से देहरादून पहुंची 'श्रद्धा वालकर हत्याकांड' की जांच, जानें पुलिस का अगला प्लान पीएम मोदी के विजन पर चली धामी सरकार, उत्तराखंड के गांवों में मुख्यमंत्री चौपाल और कैबिनेट मीटिंग Sarkari Naukri 2022 : असिस्टेंट अकाउंटेंट पद पर 600 से अधिक नौकरियां, कल है आवेदन की लास्ट डेट पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट ने लिए तीन बड़े फैसले, कठोर हुआ धर्मांतरण कानून, जानें प्रावधान शासन का एक्शन! SDM के औचक निरीक्षण में गायब मिले 26 कर्मचारी, सभी की सैलरी रोकी गई उत्तराखंड से दिल्ली भेजे जाएंगे चौड़ी पत्ती वाले 5000 पौधे, हवा में सुधरेगा ऑक्सीजन लेवल Street Food: देहरादून की स्नैक्स शॉप ब्रेड रोल और कॉफी के लिए मशहूर, 42 साल से है स्वाद बरकरार उत्तराखंड उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश राजस्थान हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब देहरादून ऋषिकेश देहरादून चमोली नैनीताल पिथौरागढ़ पौड़ी गढ़वाल बागेश्वर रुद्रप्रयाग चम्पावत टिहरी गढ़वाल हरिद्वार अल्मोड़ा उत्तरकाशी ऊधमसिंह नगर हल्द्वानी दूसरी ओर जीएसटी कमिशनर इकबाल अहमत बताते हैं कि राज्य की जीडीपी में इस बीच जबरदस्त उछाल हुआ है. 2020-21 में जहां राज्य की विकास दर माइनस फाइव (-5) से भी नीचे चली गई थी, वहीं 2021-22 में ये जबरदस्त बढोतरी के साथ सात फीसदी तक पहुंच गई. इसमें सबसे अधिक योगदान इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर का रहा है जिससे सरकार की कमाई भी अच्छी रही. रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति सालाना आय में भी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन कृषि क्षेत्र में आई गिरावट सरकार की चिंता जरूर बढ़ा सकती है. ये बताता है कि कोविड काल में आए प्रवासी एक बार फिर अपने काम धंधों पर लौट गए हैं. जाहिर है किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयास भी खास फलीभूत होते नजर नहीं आ रहे हैं. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Corona crisisFIRST PUBLISHED : November 19, 2022, 09:49 IST