SG तुषार मेहता से मदद लीजिए CJI ने क्यों कही यह बात जानें पूरा मामला

CJI DY Chandrachud Supreme Court: उच्चतम न्यायालय ने बंबई उच्च न्यायालय की 150 वर्ष पुरानी इमारत की सुरक्षा संबंधी चिंताओं और अतिरिक्त जगह की आवश्यकता का मंगलवार को संज्ञान लिया और महाराष्ट्र सरकार को तत्काल इस ऐतिहासिक भवन का सुरक्षा ऑडिट कराने का निर्देश दिया.

SG तुषार मेहता से मदद लीजिए CJI ने क्यों कही यह बात जानें पूरा मामला
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने बंबई उच्च न्यायालय की 150 वर्ष पुरानी इमारत की सुरक्षा संबंधी चिंताओं और अतिरिक्त जगह की आवश्यकता का मंगलवार को संज्ञान लिया और महाराष्ट्र सरकार को तत्काल इस ऐतिहासिक भवन का सुरक्षा ऑडिट कराने का निर्देश दिया. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बी आर गवई तथा न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की विशेष पीठ ने सरकार से मुंबई में उच्च न्यायालय के नए भवन के निर्माण के लिए चिह्नित स्थलों के रेखाचित्र बनाने की प्रक्रिया तेज करने को कहा. पढ़ें- राघव की गिरफ्तारी की तारीख? जब केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ED से किया सवाल यह देखते हुए कि राज्य सरकार को उच्च न्यायालय में सुविधाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए ‘तत्परता के साथ कार्य करना होगा’, पीठ ने राज्य के लोक निर्माण विभाग से मामले को गंभीरता से लेने के लिए कहा. उसने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय रेखाचित्र बनाने में तेजी लाने के लिए राज्य लोक निर्माण विभाग और अन्य से परामर्श कर सकता है. पीठ ने कहा, ‘‘मौजूदा परिसर की संरचनात्मक सुरक्षा के लिए राज्य पीडब्ल्यूडी तत्काल एक सुरक्षा ऑडिट करेगा और इस संबंध में उठाए गए कदमों से अगली सुनवाई में अवगत कराएगा.’’ इसने उच्च न्यायालय के कुछ कार्यालयों को स्थानांतरित करने के लिए कफ परेड में भूमि प्राप्त करने के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के माध्यम से केंद्र सरकार से मदद मांगी, ताकि मौजूदा इमारत का संरचनात्मक और सुरक्षा ऑडिट किया जा सके. शीर्ष अदालत ने अपने स्वत: संज्ञान लेने के अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करते हुए बंबई बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नितिन ठक्कर और अन्य बार नेताओं की 29 अप्रैल की पत्र याचिका पर संज्ञान लिया. पीठ ने कहा, ‘‘मौजूदा इमारत 150 साल पुरानी है. उच्च न्यायालय ने मुंबई के बांद्रा पूर्व में जमीन के लिए महाराष्ट्र सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.’’ Tags: CJI, DY Chandrachud, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : May 7, 2024, 14:51 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed