पापा ने दिलाई करगिल फतह 35 साल बाद बेटे ने संभाली कमान मां-पत्नी भी फौजी

आमतौर पर फौजियों के बच्चे फौज को अपना पहला करियर चुनते हैं. वे अपने पिता की फौजी लाइफ से काफी प्रभावित होते हैं. ऐसे में आज एक ऐसे ही फौजी की कहानी जिनके पिता ने 1999 में करगिल युद्ध के दौरान देश की सेना का नेतृत्व किया.

पापा ने दिलाई करगिल फतह 35 साल बाद बेटे ने संभाली कमान मां-पत्नी भी फौजी
करगिल युद्ध में देश की सेना का नेतृत्व करने वाले एक फौजी का बेटा आज उनकी राह पर है. वह 35 साल बाद इतिहास दोहरा रहा है. वह उसी डिविजन को हेड कर रहा है जिसे उसके पिता ने कभी नेतृत्व दिया था. दरअसल, यह बात हो रही है 1999 में भारतीय सेना के प्रमुख रहे रिटायर जनरल वीपी मलिक की. बीपी मलिक के बेटे मेजर जनरल सचिन मलिक अब 8 माउंटेन डिविजन के प्रमुख हैं. कभी उनके पिता इस डिविजन के प्रमुख थे. इसी डिविजन के नेतृत्व में 1999 का करगिल युद्ध लड़ा गया था. फिर पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ा गया. माउंटेन डिविजन को सैन्य कर्मियों के बीच ‘फॉरएवर इन ऑपरेशन’ नाम से भी जाना जाता है. 1989 में वीपी मलिक इस डिविजन के हेड हुआ करते थे. बाद में वह सेना प्रमुख के पद से रिटायर हुए. मेजर जनरल सचिन मलिक के डिविजन का हेड बनना परिवार के लिए एक भावुक क्षण था. इस पर जनरल मलिक कहते हैं- निश्चित तौर पर एक फौजी परिवार के लिए यह गर्व का मामला है. उनका बेटा उस डिविजन को हेड कर रहा है जिसने 1999 में करगिल में जीत दिलाई. मां और पत्नी भी फौजी जनरल वीपी मलिक की पत्नी और सचिन मलिक की मां रंजना मलिक भी एक फौजी हैं. वह आर्मी में एक डॉक्टर रह चुकी हैं. उन्होंने बतौर कैप्टन सेना में कमिशन लिया था. फिर पांच साल की सेवा के बाद उन्होंने ओएनजीसी ज्वाइन कर लिया. मेजर जनरल सचिन मलिक ने 8 माउंटेन डिविजन के जीओसी का चार्ज फरवरी 2023 में संभाला था. इस डिविजन का हेडक्वाटर्स लद्दाख के खुंबाथांग में है. इस डिविजन के पास चीन के साथ लगने वाली लाइन एलएसी पर नजर रखने की है. यह डिविजन आर्मी के 14 कॉर्प्स का हिस्सा है. यह कॉर्प्स लेह में स्थिति है. करगिल युद्ध की प्लानिंग करगिल के युद्ध में पूरी सैन्य प्लानिंग इसी 8 माउंटेड डिविजन ने की थी. इसके नेतृत्व में बेहद ऊंची चोटियों पर भारत की भूमि पर कब्जा जमाए बैठे घुसपैठियों को भारी हमले किए गए. इस जंग के दौरान इस डिविजन की वीरता का अनुमान इसी लगाया जा सकता है कि इसके तीन जवानों को सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र और आठ जवानों को दूसरे सबसे बड़े सैन्य सम्मान महावीर चक्र से सम्मानित किया गया. इस शानदार डिविजन का नेतृत्व एक खांटी फौजी कर रहा है. इसे संयोग ही कहा जाएगा कि मेजर जनरल सचिन मलिक की शादी भी मिलिट्री डॉक्टर से हुई है. उनकी मां भी एक मिलिट्री डॉक्टर थीं. Tags: Indian armyFIRST PUBLISHED : July 18, 2024, 13:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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