रात की रानी के फूल रात को ही क्यों खिलते हैं दिन होते ही हो जाते हैं बंद
रात की रानी के फूल रात को ही क्यों खिलते हैं दिन होते ही हो जाते हैं बंद
Raat Ki Rani Flower: रात के समय रात की रानी फूल अपनी मादक सुगंध से हर किसी को खुश कर देता है. ये फूल भगवान कृष्ण को भी प्रिय था लेकिन क्या आपको मालूम है कि ये फूल केवल रात में ही क्यों खिलता है.
हाइलाइट्स रात की रानी फूल जब रात में खिलता है तो इसकी मनमोहक सुगंध चारों ओर खिल जाती है क्या ये बात सही है कि रात की रानी फूल जहां होता है, वहां सांप आते हैं भगवान कृष्ण को ये फूल बहुत पसंद था, वो इसका क्या करते थे
ये सवाल हमेशा पूछा जाता है कि रात की रानी फूल रात में ही खिलता है. खिलकर अपने धरती पर गिरता है. दिन में ये फूल बंद हो जाता है. ऐसी क्या वजह है कि ये भीनी भीनी खुशबु चारों ओर बिखेरने वाला फूल रात में ही खिलता है. फूल आधी रात चुपके से फूलता है.और फूलते ही झरने लगता है.
जो जीव रात में एक्टिव हो जाते हैं, उन्हें हम सामान्य भाषा में निशाचर कहते हैं. इसी तरह कई पौधों के फूल भी केवल रात में ही खिलते हैं. ऐसे पौधों को रात में खिलने वाले पौधे कहते हैं. रात की रानी का पौधा ऐसा ही होता है.
मनमोहक होती है सुगंध
आमतौर पर जिन पौधों के फूल रात में खिलते हैं, उन फूलों में बहुत ही मनमोहक सुगंध होती है. इस सुगंध के कारण पतंगे (Moth) जैसे रात में एक्टिव जीव-जंतु इन पौधों की ओर आकर्षित हो जाते हैं. जब ये कीड़े फूल पर आकर बैठते हैं तो इनके पंखों से परागकण चिपक जाते हैं. जब कोई कीड़ा एक पौधे से दूसरे पौधे पर जाता है तो ये परागकण दूसरे फूल तक पहुंच जाते हैं. इस प्रकार परागसेचन (Pollination) की क्रिया संपन्न हो जाती है. रात की रानी फूल को नाइट जैस्मिन भी कहते हैं. ये रात में मनमोहक सुगंध से तन-मन को खुश कर देते हैं. (विकी कामंस)
इसलिए हम कह सकते हैं कि रात की रानी के फूल रात में उन कीड़ों को आकर्षित करने के लिए ही खिलते हैं, जो पराग-सेचन की क्रिया में सहायक होते हैं. फूलों से बने फल और फलों से प्राप्त बीजों से ही नए पौधों का जन्म होता है.
ये फूल दिन में सूरज की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाता
रात्रि में अक्सर वे फूल खिलते हैं, जो दिन के समय सूर्य की गर्मी और प्रकाश को सहन नहीं कर पाते. रात की रानी के फूल भी ऐसे ही होते हैं. सूरज की गर्मी से ये जल्दी ही मुरझा जाते हैं, इसीलिए ये रात में खिलते हैं.
क्या है इनके रात में खिलने का असल कारण
रात की रानी के फूल रात में खिलने का कारण उसकी जैविक संरचना और पर्यावरणीय कारक हैं. ये फूल दिन के समय बंद रहते हैं. जैसे ही रात होती है, तापमान में गिरावट और आर्द्रता में वृद्धि के कारण ये खिलने लगते हैं. यह प्रक्रिया पौधे की प्राकृतिक आदतों का हिस्सा है, जो इसे रात के समय पर परागणकों, जैसे कि मच्छरों और अन्य कीटों, को आकर्षित करने में मदद करती है. ये फूल सफेद रंग के होते हैं. इनकी सुगंध परफ्यूम में इस्तेमाल की जाती है. आमतौर पर रात में खिलने वाले सारे ही फूल सफेद रंग के होते हैं. इसका भी अपना कारण है. (विकी कामंस)
रात में खिलने वाले फूल सफेद रंग के ही होते हैं
रात में खिलने वाले फूलों के विषय में एक तथ्य और भी है. इन फूलों का रंग बहुत चमकीला नहीं होता क्योंकि यह रंग रात्रि के अंधेरे में दिखाई नहीं देते. इसलिए कीड़ों को आकर्षित करने में इनके रंगों का कोई अधिक महत्व नहीं होता. रात्रि में खिलने वाले अधिकतर फूलों का रंग सफेद ही होता है क्योंकि सफेद रंग रात्रि के अंधरे में भी साफ साफ नजर आता है या चमकता है तो कीड़ों को आकर्षित करता है.
इन्हें नाइट ब्लूमिंग जैस्मिन भी कहते हैं
रात की रानी के पौधे की पतली शाखाएं 4 मीटर (13 फीट) तक ऊंची होती हैं. यह पौधा कई शाखाओं वाला और भारी पत्तियों वाला होता है. गजब की लाजवाब खुशुबू वाले इस फूल अंग्रेजी में नाइट ब्लूमिंग जैस्मिन भी कहते हैं.मूलतौर पर ये पौधा वेस्ट इंडीज का है. ये पौधे साल में करीब 4 बार फूल देते हैं. ये फल इंसान या जानवरों के खाने के लिए नहीं हैं.
क्या रात की रानी पर सांप आते हैं ?
ये बात हमेशा कही जाती है कि रात की रानी पौधा लगाने से वहां पर सांप आ जाते हैं. ये केवल प्रचलित भ्रम है. इसमें कोई सच्चाई नहीं है. रात की रानी केवल छोटे पतंगों, मधुमक्खी और चिड़ियों को अपनी ओर आकर्षित करती है. वैसे रातरानी की पत्तियों में मच्छर भगाने का गुण होता है. इसके फूल और पत्तियों को पीसकर आंगन में छिड़काव करने से शाम को मच्छर नहीं आते. रात में ये फूल आधी रात के आसपास खिलने लगते हैं और खिलते ही जमीन पर ताजे ताजे झरने लगते हैं. पौराणिक कथाएं कहती हैं कि ये फूल देवताओं को ही प्रिय हैं. (विकी कामंस)
इसे भगवान कृष्ण राधा को भेंट करते थे
रात की रानी फूलों से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं. भारतीय पौराणिक कथाओं में इसे पारिजात के पेड़ से जोड़ा जाता है. कहा जाता है कि यह फूल स्वर्ग की देवी, उर्वशी द्वारा धरती पर लाया गया. एक अन्य कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण ने इस फूल को अपनी प्रेमिका राधा को भेंट किया था, जिससे यह प्रेम और सुंदरता का प्रतीक बन गया.
वो दूसरे फूल जो रात में खिलते हैं
रात में खिलने वाले फूलों की एक विशेष श्रेणी है जो अपनी खूबसूरती और सुगंध के लिए जानी जाती है. ये फूल रात के समय खिलते हैं. अपनी महक से वातावरण को महकाते हैं
चमेली (Jasmine) – चमेली के फूल दिन और रात दोनों समय खिलते हैं. इसकी सुगंध रात के समय अधिक महसूस होती है. ये छोटे और सफेद रंग के होते हैं.
मोगरा – यह एक अन्य सुगंधित फूल है जो रात में खिलता है. इसकी खुशबू बहुत आकर्षक होती है. इसे पूजा में भी इस्तेमाल किया जाता है.
चंपा – चंपा का फूल भी रात में खिलता है. इसकी सुगंध बहुत मधुर होती है. यह गुच्छों में खिलता है. सफेद रंग का होता है.
ब्रह्मकमल (Saussurea obvallata) – यह एक दिव्य फूल है जो साल में केवल एक बार रात के समय खिलता है. इसे बहुत पवित्र माना जाता है.
धतुरा – यह भी रात में खिलने वाला एक आकर्षक फूल है, जिसे धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोग किया जाता है.
सप्तवर्णी – यह हिमालय क्षेत्र में पाया जाने वाला एक सुंदर और सुगंधित फूल है, जो रात के समय खिलता है.
रजनीगंधा (Tuberose) – ये सफेद रंग के होते हैं. इनकी खुशबू बहुत तेज होती है. इन्हें इत्र बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है.
पारिजात- पारिजात के छोटे-छोटे सफेद फूल रात में खिलते हैं. सुबह तक मुरझा जाते हैं. इन्हें औषधीय उपयोगों के लिए भी जाना जाता है.
Tags: Amazing facts, Night Life, Science factsFIRST PUBLISHED : November 16, 2024, 09:04 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed