उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में पिछले लगभग एक महीने से भेड़ियों का आतंक है. बहराइच के कुछ गांवों में ये भेड़िये करीब नौ बच्चों को अपना शिकार बना चुके हैं. तब से भेड़िये लगातार लोगों में चर्चा का विषय बने हुए हैं. लेकिन भेड़िये, सियार, लोमड़ी या कुत्तों से कितने अलग होते हैं, ये सब लोग नहीं जानते हैं. क्योंकि दिखने में ये सभी जानवर एक जैसे ही लगते हैं. लेकिन इन सब में कुछ ना कुछ अलग होता है, जिससे इनकी आराम से पहचान की जा सकती है.
पहले बात भेड़ियों की. भेड़िया कुत्ते का ही जंगली रूप है. यह कैनिडाए पशु परिवार का सबसे बड़े शरीर वाला सदस्य है. किसी समय भेड़िये पूरे यूरेशिया, उत्तर अमेरिका और उत्तर अफ्रीका में पाये जाते थे. लेकिन जैसे-जैसे इंसानों की आबादी बढ़ती गई, इनकी आबादी घटती चली गई. अध्ययन में निकल कर आया है कि भेड़ियों से ही कुत्तों की नस्ल निकली है. यानी हजारों साल पहले इंसानों ने भेड़ियों को पालतू बना लिया था. जिससे कुत्तों की नस्लें पैदा हुईं. भेड़िये की लंबाई पूंछ सहित 6 फीट तक हो सकती है. भेड़ियों के थूथन बड़े होते हैं, कान छोटे और अधिक गोल होते हैं और पूंछ छोटी होती है. मादा भेड़ियों का वजन करीब 35 से 45 किलो और नर भेड़ियों का करीब 50 से 60 किलो तक होता है. इनकी उम्र लगभग 13 से 15 साल के बीच होती है.
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शिकारी होता है भेड़िया
भेड़िए का स्वभाव ऐसा होता है कि उसे पाला नहीं जा सकता है. यह मांसाहारी जानवर होता है. जंगल में भेड़िया अपने इलाके में सबसे बड़ा शिकारी होता है. इंसानों और शेरों को छोड़ दिया जाए तो ये किसी और से नहीं डरते हैं. लेकिन ये अकेले शिकार नहीं करते हैं. हालांकि, अगर सामने कोई छोटा जीव या इंसान का बच्चा हो तो अकेला भेड़िया भी हमला कर सकता है. भेड़ियों का चालाक और आक्रामक स्वभाव उसे जंगल का बड़ा और खतरनाक शिकारी बनाता है. भेड़िया अपनी गहरी आंखों, मजबूत जबड़ों और मजबूत मांसपेशियों के साथ एक खतरनाक शिकारी साबित होता है. इसके भागने की रफ्तार 60 किमी प्रति घंटा होती है. विशेषज्ञों के अनुसार भेड़िये की सूंघने की क्षमता बहुत तेज होती है. ये काफी दूरी से इंसानों की गंध पहचान लेते हैं और सतर्क हो जाते हैं. इतना ही नहीं यह अपने साथियों को कभी अकेला नहीं छोड़ते हैं.
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डरपोक होते हैं सियार
भेड़िये के विपरीत सियार को अपने डरपोक स्वभाव के लिए जाना जाता है. सियार को आम बोलचाल में ‘गीदड़’ भी कहते हैं. सियार की तीन प्रजातियां मुख्य हैं, जो आमतौर पर एशिया और अफ्रीका के शुष्क क्षेत्रों में रहती हैं. आमतौर पर एक सियार लगभग तीन फुट लंबा, डेढ़ फुट ऊंचा और 15 किलोग्राम वजनी होता है. शिकार करने के लिए इनके पास कैनाइन दांत होते हैं. ये गांवों के आसपास खेतों में और झाड़ियों में रहते हैं. यह 16 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है. दिलचस्प बात यह है कि गीदड़ जोड़े में रहना पसंद करते हैं.
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सर्वाहारी जानवर है लोमड़ी
लोमड़ी को एक चालाक जानवर माना जाता है. इसीलिए अक्सर किस्सों-कहानियों में लोमड़ी की चालाकी की मिसाल दी जाती है. लोमड़ियों की लगभग 37 प्रजातियां हैं. आकार में यह बिल्ली से थोड़ी बड़ी होती है. इनका लंबा और बारीक थूथन होता है. इनके शरीर पर सुंदर और बालों वाला कोट और ब्रश जैसी पूंछ होती है. एक वयस्क नर लोमड़ी को रेनार्ड और मादा को विक्सेन कहते हैं. एक रेनार्ड का वजन लगभग छह किलोग्राम होता है, मादा का वजन नर की तुलना में थोड़ा कम होता है. लोमड़ी रेगिस्तान से लेकर ग्लेशियर तक हर तरह के वातावरण में रह लेती हैं. ये एक जंगली जानवर है. लोमड़ी एक सर्वाहारी जानवर है, जो भोजन के रूप में पशु और पौधे दोनों खाती है. इनकी आयु जंगल में लगभग दस वर्ष होती है, लेकिन कैद में ये अधिक समय तक जीवित रह सकती है. यह बहुत ही फुर्तीली होती है और 50 किमी प्रति घंटा की तेज रफ्तार से दौड़ सकती है.
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पालतू होते हैं कुत्ते
कुत्ते आमतौर पर भेड़ियों के मुकाबले थोड़े छोटे होते हैं. कई कुत्तों का वजन काफी कम होता है, अक्सर 25-30 किलोग्राम से कम. लेकिन कुत्ते भेड़ियों की तुलना में कम डरपोक और अधिक चंचल होते हैं. कुत्तों के जबड़े छोटे होते हैं जो कई तरह के आहार के लिए उपयुक्त होते हैं. कुत्तों के कान फ्लॉपी और पूंछ पतली मुड़ी हुई और भेड़ियों के मुकाबले कमोबेश छोटी होती है.
कुत्ता एक पालतू जानवर हैं जो इंसानों को साथी के रूप में देखते हैं. ये मानवीय भावनाओं और इशारों को पढ़ सकते हैं. कुत्ते आमतौर पर इंसानों को खुश करने के लिए उत्सुक रहते हैं और ज्यादातर उनके संपर्क में रहते हैं. हालांकि कुत्तों की कई नस्लें खतरनाक और हिंसक हो सकती है. इसलिए भारत में कुत्तों की कुछ नस्लों को पालने पर पाबंदी लगा दी गई है.
Tags: Bahraich news, Dog Breed, Stray animals, Wild animalsFIRST PUBLISHED : September 4, 2024, 15:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed