75 साल पहले : क्या हो रहा था आजादी से एक हफ्ते पहले 08 अगस्त 1947 के दिन रेडक्लिफ ने बांट दिया पंजाब
75 साल पहले : क्या हो रहा था आजादी से एक हफ्ते पहले 08 अगस्त 1947 के दिन रेडक्लिफ ने बांट दिया पंजाब
भारत की आजादी (Indian Independence Day) यानि 15 अगस्त 1947 से चंद दिनों पहले देश में घटनाक्रम किस तेजी से बदल रहे थे. इसको लेकर हम एक सीरीज पेश कर रहे हैं, जिसमें रोज के दिनों की मुख्य बातें हैं, जो बंटवारे में बनते हुए दो देशों की गतिविधियों को बताती हैं. इस सीरीज "75 साल पहले " में अब आप 15 अगस्त तक पढ़ेंगे आजादी से एक हफ्ते पहले के हर रोज का हाल
15 अगस्त 1947. इस खास दिन से केवल एक हफ्ता पहले गांधीजी लाहौर से ट्रेन के जरिए वापस लौट रहे थे. तो भारत को दो देशों में बांटने के लिए सर रेडक्लिफ नक्शे पर विभाजक रेखा खींच रहे थे. पंजाब का काम उन्होंने करीब पूरा कर दिया था. पंजाब में बडे़ पैमाने पर दंगे जारी थे.
गांधी जी ने कश्मीर यात्रा और फिर लाहौर में ये कहा कि वो अब अपनी बाकी जिंदगी पाकिस्तान में बिताना चाहते हैं. उनकी इस बात पर पर अलग अलग ढंग से प्रतिक्रिया हुई. भारत के आखिरी वायसराय लार्ड माउंटबेटन को लगा कि गांधी जी की ये बातें पटेल को शायद ही पसंद आई होंगी.
गांधी ने जिन्ना को भारत का नागरिक बताया
गांधी जी ने लाहौर में ये भी कहा कि जिन्ना भारत के नागरिक हैं. पाकिस्तान की सेवा के लिए पाकिस्तान गए हैं. महात्मा गांधी लाहौर से ट्रेन के जरिए तीसरे दर्जे के डिब्बे में पटना तक की यात्रा पर थे.
गांधीजी के कंपार्टमेंट में पानी टपक रहा था
बरसात का समय था. ट्रेन को कई जगह बरसात का सामना करना पड़ा. ट्रेन के डिब्बे में जगह-जगह से पानी टपक रहा था. छत पर कई जगह लीकेज थे. जब एक स्टेशन पर गांधीजी के साथ चल रहे लोगों में से किसी ने गार्ड से संपर्क किया तो दौड़ा हुआ आया. उसने महात्मा से असुविधा के लिए माफी मांगी. उसने गांधीजी और उनके साथ चल रहे लोगों को दूसरे कंपार्टमेंट में चलने का अनुरोध किया.
गांधीजी पटना पहुंच गए
तब गांधीजी ने उससे पूछा कि अगर हम यहां से निकल गए तो दूसरे इस कंपार्टमेंट का क्या होगा. गार्ड ने जवाब दिया-सर, इसका उपयोग फिर दूसरे लोग करेंगे. इस पर महात्मा ने कहा-फिर हम ही यहां क्यों नहीं रह सकते. उन्होंने गार्ड को धन्यवाद कहा. सच कहें तो महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका से लेकर भारत तक ट्रेनों का जितना उपयोग किया, उतना कम लोगों ने किया होगा. 08 जनवरी को गांधीजी पटना पहुंच गए.
पंजाब की हालत बिगड़ रही थी
पंजाब की स्थिति लगातार बिगड़ रही थी. वहां से रोज सैकड़ों लोगों के मारे जाने की खबरें आ रही थीं. बंगाल की हालत भी कोई अलग नहीं थी. कई रियासतों ने विलय पर हस्ताक्षर कर दिए . बड़े पैमाने पर पंजाब और सिंध के इलाकों से भारत की ओर पलायन से खाद्यान्न की हालत बहुत खराब थी.
रेडक्लिफ ने पंजाब पर रिपोर्ट तैयार कर दी थी
सीमा आयोग के अध्यक्ष रेड क्लिफ ने पंजाब के बंटवारे संबंधी अपनी रिपोर्ट टाइप करा दी. हालांकि इसे बेटन को कुछ और संशोधनों के बाद 13 अगस्त को बेटन के कार्यालय को सौंपे जाने की बात थी.
जब रेडक्लिफ सीमा कमीशन अपना काम कर रहा था तो पंजाब के गर्वनर को महसूस हुआ कि कहीं पुलिस और फौजों को बांटने पर कोई असर ना पड़े. इसे लेकर उन्होंने माउंटबेटन को खत भी लिखा.
फिरोजपुर की दो तहसीलों को पाकिस्तान को दे दिया गया
हालांकि रेडक्लिफ पंजाब बंटवारे को लेकर अपना काम जब 08 अगस्त को खत्म कर रहे थे, तो उन्होंने पंजाब के नक्शे के साथ एक नोट अपने क्रिस्टोफर ब्यूमांट के जरिए पंजाब गर्वनर के सेक्रेट्री को भिजवाया, ये मैप ये बता रहा था कि रेडक्लिफ भारत और पाकिस्तान के बीच बांटे जाने वाले पंजाब की विभाजक रेखा खींच चुके हैं. इस नक्शे में फिरोजपुर जिले की फिरोजपुर और जीरा तहसील को पाकिस्तान में दिखाया गया था. हालांकि आपत्ति करने के बाद ये हिस्सा फिर भारत के पास आ गया.
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Tags: 15 August, Freedom, Freedom Movement, Freedom Struggle Movement, Independence, Independence dayFIRST PUBLISHED : August 08, 2022, 10:58 IST