विदेशी धन्ना सेठों को पसंद नहीं आया बजट! 2 ही दिनों में दी 8000 करोड़ की चोट

सरकार ने बजट में डेरिवेटिव ट्रेड्स और इक्विटी निवेश में होने वाले लाभ पर टैक्स बढ़ाने का ऐलान किया. यह घोषणा विदेशी निवेशकों को पसंद नहीं आई. उसके बाद से 8 हजार करोड़ के शेयर बेच डाले गए.

विदेशी धन्ना सेठों को पसंद नहीं आया बजट! 2 ही दिनों में दी 8000 करोड़ की चोट
नई दिल्ली. 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद मोदी सरकार का फिर से सत्ता में लौटना तो निवेशकों के लिए शुभ था. 4 जून को परिणाम हालांकि एग्जिट पोल्स के हिसाब से नहीं आए और बाजार काफी गिर गए थे. लेकिन उसके बाद जब यह फाइनल हुआ कि केंद्र में फिर से बीजेपी के नेतृत्व की सरकार बनने वाली है तो विदेशी निवेशकों का रुख भी बदल गया. खरीदारी शुरू हुई, जो लगातार जारी थी. उन्हीं निवेशकों को 23 जुलाई को पेश किया गया बजट पसंद नहीं आया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार के वार्षिक बजट में डेरिवेटिव ट्रेड्स और इक्विटी निवेश में होने वाले लाभ पर टैक्स बढ़ाने का ऐलान किया. तब से अब तक विदेशी निवेशक एक बिलियन डॉलर (लगभग 8,106 करोड़ रुपये) के शेयर बेच चुके हैं. रायटर्स की रिपोर्ट में लिखा गया है कि बजट की घोषणा से पहले विदेशी निवेशकों ने केवल 6 दिनों में भारतीय शेयरों में $2.20 बिलियन का निवेश किया था. इस साल अब तक उन्होंने कुल 5.1 बिलियन डॉलर का निवेश किया है. निवेशकों के लिए अच्छी खबर नहीं एक्सिस म्यूचुअल फंड के प्रमुख निवेश अधिकारी अशिष गुप्ता ने कहा, “कैपिटल गेन टैक्स में वृद्धि निवेशकों के लिए बुरी खबर है, भले ही यह बढ़ोतरी मामूली हो.” उन्होंने कहा कि अगर टैक्स की दर और बढ़ सकती है, तो इससे बाजार में और भी दबाव बनेगा. लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि लंबी अवधि में इसका ज्यादा असर नहीं होगा, क्योंकि भारतीय कंपनियां अच्छे से बढ़ रही हैं. ये भी पढ़ें – वेतनभोगियों को बजट में मिली एक और अच्छी चीज, केवल ओल्ड टैक्स रिजीम वालों को ही मिलेगा लाभ बजट से पहले निफ्टी 50 और सेंसेक्स में लगभग 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी. 11 जुलाई से 18 जुलाई के बीच ये सूचकांक लगभग 3 प्रतिशत बढ़े, लेकिन 19 जुलाई को एक प्रतिशत की गिरावट आई. बजट के बाद इंडेक्सों में लगभग 1 प्रतिशत की गिरावट हुई है. जिन क्षेत्रों में विदेशी निवेशक ज्यादा हैं, जैसे वित्तीय सेवाएं, बैंक और निजी बैंक, वहां लगभग 3 प्रतिशत की गिरावट आई. इसके विपरीत भारतीय घरेलू निवेशकों ने बजट के बाद से $0.55 बिलियन का निवेश किया है, जिससे वे शुद्ध खरीदार बने रहे. रुपये की कीमत भी गिरी करों में किए गए बदलावों का प्रभाव केवल शेयर बाजार तक ही सीमित नहीं रहा. बजट के दिन और उसके बाद रुपये की कीमत भी गिर गई. सरकार का कहना है कि टैक्स में बदलाव सट्टेबाजी को कम करने और लंबे समय के निवेश को बढ़ावा देने के लिए किए गए हैं. वित्त सचिव टी.वी. सोमनाथन ने कहा कि सरकार चाहती है कि लोग डेरिवेटिव सेगमेंट से कैश सेगमेंट में, और ‘शॉर्ट टर्म सट्टेबाजी’ से लॉन्ग टर्म के निवेश की ओर बढ़ें. इंड्राडे करने वाले बहुत अधिक बढ़े इसके अलावा भारतीय बाजार नियामक सेबी ने बताया कि 2019 से 2023 के बीच इक्विटी कैश बाजार में इंट्राडे ट्रेडर्स की संख्या में 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसमें से 70 प्रतिशत ट्रेडर घाटा उठा रहे हैं. बजट में टैक्स बढ़ाने की घोषणा के बाद विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयरों की बड़ी मात्रा में बिक्री की, जिससे बाजार में गिरावट आई. जबकि घरेलू निवेशकों ने इस दौरान खरीदारी जारी रखी. Tags: Budget session, Foreign investment, Share marketFIRST PUBLISHED : July 25, 2024, 16:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed