शनि जयंती पर करें इस स्तोत्र का पाठ चमक जाएगी किस्मत होगी धन की बरसात 

Shani Dev ki Pooja: अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि 6 जून को शनि जयंती मनाई जाएगी और मान्यता के मुताबिक भगवान शनि को प्रसन्न करने के लिए जातक कई तरह के उपाय करते हैं. शनि देव जिस पर प्रसन्न होते हैं, वह राजा पहले बना देते हैं और तिलक बाद में करते हैं.

शनि जयंती पर करें इस स्तोत्र का पाठ चमक जाएगी किस्मत होगी धन की बरसात 
अयोध्या: हिंदू पंचांग के मुताबिक ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है. इस बार ये पर्व 6 जून को मनाया जाएगा. मान्यता के मुताबिक इस दिन भगवान शनिदेव की पूजा आराधना और उनके लिए व्रत रखा जाता है. शनि देव की उपासना करने को कहा जाता है. सड़क के जीवन में आ रहे तमाम तरह की समस्याओं से छुटकारा मिलता है. साथ ही सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. अगर आप भी शनिदेव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो शनि जयंती के दिन शनि देव की विशेष पूजा आराधना करनी चाहिए. शनि देव को उनके मनपसंद चीजों का भोग लगाना चाहिए. शनि स्त्रोत का पाठ करना चाहिए. अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि 6 जून को शनि जयंती मनाई जाएगी और मान्यता के मुताबिक भगवान शनि को प्रसन्न करने के लिए जातक कई तरह के उपाय करते हैं. शनि देव जिस पर प्रसन्न होते हैं, वह राजा पहले बना देते हैं और तिलक बाद में करते हैं. शनिदेव को कर्म फल का दाता भी माना जाता है . ऐसी स्थिति में शनि जयंती के दिन अगर आप शनि स्त्रोत का पाठ विधि विधान पूर्वक करते हैं, तो जीवन में आ रही तमाम तरह की परेशानियों से मुक्ति मिलती है . शनि स्तोत्रम नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च।नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:।। नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।। नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते।। नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम:।नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने।। नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते।सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च।। अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते।नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तुते।। तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च।नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:।। ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज-सूनवे।तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्।। देवासुरमनुष्याश्च सिद्ध-विद्याधरोरगा:।त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत:।। प्रसाद कुरु मे सौरे वारदो भव भास्करे।एवं स्तुतस्तदा सौरिर्ग्रहराजो महाबल:।। शनि देव की जय! शनि महाराज की जय! जय जय शनि देव! Tags: Astrology, Ayodhya News, Local18FIRST PUBLISHED : May 29, 2024, 18:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed