केजरीवाल से जुड़ी पिटीशन याच‍िकाकर्ता हाईकोर्ट से बोला- फैसले से सबक सीखा

Arvind Kejriwal News:सोमवार को हाईकोर्ट ने जुर्माना तो माफ कर दिया, लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि अगर भविष्य में याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट में कोई नई अर्जी दायर की जाती है, तो वो अर्जी के साथ ही इस मामले में दिए गए कोर्ट के फैसले की कॉपी भी जमा करेंगे.

केजरीवाल से जुड़ी पिटीशन याच‍िकाकर्ता हाईकोर्ट से बोला- फैसले से सबक सीखा
नई द‍िल्‍ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देने की मांग करने वाले याच‍िककर्ता पर प‍िछले महीने 75 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था. उस याच‍िकाकर्ता जो एक लॉ स्‍टूडेंट है उसने फ‍िर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. लॉ स्‍टूडेंट की मांग थी क‍ि उस पर लगा 75 हजार रुपये का जुर्माना माफ कर द‍िया जाए. लॉ स्‍टूडेंट ने याच‍िका दाख‍िल करते हुए हाईकोर्ट से बिना शर्त माफी मंगाते हुए कहा था कि उसने अदालत के इस फैसले से सबक सीखा है. लॉ स्‍टूडेंट अभिषेक चौधरी ने वी द प्यूपिल ऑफ इंड‍िया के नाम से याच‍िका दाख‍िल करते हुए जेल में अरव‍िंद केजरीवाल की सुरक्षा का अंदेशा जताते हुए दाखिल की थी. हाईकोर्ट ने 22 अप्रैल को याचिका को औचित्यहीन करार देते हुए खारिज कर दिया था. इतना ही नहीं कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 75 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था. सोमवार को हाईकोर्ट ने जुर्माना तो माफ कर दिया, लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि अगर भविष्य में याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट में कोई नई अर्जी दायर की जाती है, तो वो अर्जी के साथ ही इस मामले में दिए गए कोर्ट के फैसले की कॉपी भी जमा करेंगे. हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने 22 अप्रैल को जनहित याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाया था. कोर्ट ने पाया था कि जनहित याचिका में दी गई दलीलें तथ्यों के विपरीत थीं और कानून की दृष्टि से अस्थिर थीं. याचिकाकर्ता ने सोमवार को याच‍िका दायर करके माफी की मांग करते हुए कहा कि वह अब न्यायिक प्रणाली को समझ गया है और उसने अपना सबक सीख लिया है. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने आगे कहा कि वह बिना शर्त माफी मांग रहे हैं. न्यायालय ने दलीलों पर विचार किया और याच‍िकाकर्ता को माफी दे दी गई. पीठ ने आदेश दिया क‍ि ऐसी स्थिति में याचिकाकर्ता को इस अदालत के समक्ष कोई नई कार्यवाही दायर करनी थी, 22 अप्रैल के फैसले की एक प्रति और आज पारित आदेश अदालत के समक्ष रखा जाएगा. क्‍या थी याच‍िका? याचिका में दलील दी गई कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर झूठी खबरें फैला रहे हैं क‍ि अरविंद केजरीवाल की प्रतिष्ठा को ग‍िराने की कोशिश की जा रही है और उनकी गिरफ्तारी के बाद से दिल्ली सरकार का पूरा कामकाज ठप हो गया है. याच‍िका में कहा गया है क‍ि आरोपों से बरी होने पर जज भी केजरीवाल का जेल में बिताया समय वापस नहीं कर सकते. याचिकाकर्ता ने सुरक्षा चिंताओं का भी हवाला दिया और कहा कि केजरीवाल जेल में कट्टर अपराधियों के साथ बंद हैं, जो बलात्कार, हत्या, डकैती और यहां तक ​​कि बम-विस्फोट के आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं. अदालत ने 22 अप्रैल को यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि याचिका बिना किसी आधार के दायर की गई थी और याचिकाकर्ता के पास ऐसी जनहित याचिका दायर करने के लिए अधिकृत करने के लिए केजरीवाल द्वारा निष्पादित कोई पावर ऑफ अटॉर्नी नहीं थी. Tags: Arvind kejriwal, Delhi liquor scam, Delhi newsFIRST PUBLISHED : May 20, 2024, 14:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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