जेलों में बंद कैदियों में नशे का लगाया जाएगा पता पंजाब में शुरू हुई ड्रग स्क्रीनिंग
जेलों में बंद कैदियों में नशे का लगाया जाएगा पता पंजाब में शुरू हुई ड्रग स्क्रीनिंग
पंजाब सरकार द्वारा पंजाब की जेलों में सुधार लाने का यह एक नवीनतम प्रयास है. यह प्रोजेक्ट नशीले पदार्थों के प्रयोग सम्बन्धी विकार वाले कैदियों की पहचान करने में मदद करेगा, जोकि जेल प्रणाली में स्थापित ओओएटी क्लीनिको या नशा मुक्ति केन्द्रों में अभी तक इलाज नहीं करवा रहे हैं.
चंडीगढ़. पंजाब सरकार ने जेल सुधारों की दिशा में अपनी किस्म का पहला कदम उठाया है. पंजाब सरकार (Punjab Government) ने कैदियों में नशे के प्रयोग का पता लगाने के लिए पंजाब की जेलों में ड्रग स्क्रीनिंग मुहिम की शुरुआत की है. इसके तहत पायलट प्रोजैक्ट के हिस्से के तौर पर रूपनगर जेल में सभी कैदियों की जांच की जा रही है. राज्य की जेलों को गैर-कानूनी नशों से मुक्त बनाने और कैदियों को नशा मुक्ति का इलाज लेने और उनके पुनर्वास का विकल्प प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार काम कर रही है.
राज्य सरकार की ओर से पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत रूपनगर जेल में मौजूद सभी 950 कैदियों की सफलतापूर्वक जांच की गई. यह स्क्रीनिंग विशेष डीजीपी जेल हरप्रीत सिंह सिद्धू, आईजी जेल रूप कुमार, डीआईजी जेल सुरिन्दर सिंह और जेल सुपरीटेंडैंट कुलवंत सिंह की उपस्थिति में की गई. राज्य भर की अलग-अलग जेलों के कुछ अधिकारियों ने भी अपनी-अपनी जेलों में इस मुहिम को शुरू करने का तजुर्बा हासिल करने के लिए मुहिम में हिस्सा लिया. स्क्रीनिंग मुहिम के अंतिम नतीजे एक दिन के अंदर उपलब्ध होंगे, जिसके बाद अगली कार्यवाही शुरू की जाएगी.
पंजाब के जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि इस राज्य व्यापक ड्रग स्क्रीनिंग प्रोजेक्ट का उद्देश्य जेलों को गैर-कानूनी नशों से मुक्त बनाने के साथ-साथ कैदियों जोकि पहले ही नशों का शिकार हो चुके हैं, को नशा छोडने का इलाज करवाने और उनके पुनर्वास के लिए प्रबंध करना है. यह पहली बार है कि किसी जेल के कैदियों की समूची आबादी को नशीले पदार्थों की जांच के लिए एक दिन में ही कवर करने के लिए इतनी व्यापक मुहिम चलाई गई है. जल्द ही यह मुहिम राज्य भर की सभी जेलों में चलाई जाएगी.
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा पंजाब की जेलों में सुधार लाने का यह एक नवीनतम प्रयास है. यह प्रोजेक्ट नशीले पदार्थों के प्रयोग सम्बन्धी विकार वाले कैदियों की पहचान करने में मदद करेगा, जोकि जेल प्रणाली में स्थापित ओओएटी क्लीनिको या नशा मुक्ति केन्द्रों में अभी तक इलाज नहीं करवा रहे हैं. मंत्री ने कहा कि इन व्यक्तियों को नशा मुक्ति के लिए इलाज देने के दौरान अगर कोई व्यक्ति गैर-कानूनी नशीले पदार्थों का सेवन करता पाया गया तो एनडीपीएस एक्ट की धारा 27 के अंतर्गत एफआईआर भी दर्ज की जाएगी. उन्होंने कहा कि जेल विभाग एनडीपीएस एक्ट की धारा 64 ए को लागू करने के लिए जांच और प्रॉसीक्यूशन अथॉरिटी को भी विनती करेगा. उन्होंने कहा कि इससे ऐसे कैदियों को अपना इलाज करवाने और अदालत के द्वारा मुकदमे से छूट प्राप्त करने का मौका मिलेगा.
उन्होंने कहा कि जेलों में कैदियों के लिए नशा मुक्ति का इलाज, एक-दूसरे की सहायता (पियर सपोर्ट) और काउंसलिंग की सुविधाओं में सुधार लाने के लिए जेल विभाग का उद्देश्य इस कार्य में माहिरों को शामिल करना है. पुलिस को इस मुहिम के अंतर्गत दर्ज किए गए सभी मामलों की गहराई से जांच करने के लिए विनती की जाएगी, जिससे ग़ैर-कानूनी नशीले पदार्थों की सप्लाई के सम्बन्ध में जेल प्रणाली में किसी भी तरह की खामियों को दूर किया जा सके. जेल विभाग की सराहना करते हुए जेलों को नशा मुक्त बनाने और भ्रष्ट कार्यवाहियों पर नकेल कसने के लिए विभाग को हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया.
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Tags: CM Punjab, Drug, Jail, Punjab GovernmentFIRST PUBLISHED : July 11, 2022, 18:33 IST