क्‍या CJI चंद्रचूड़ की च‍िंता सच हुईलोअर कोर्ट का फैसला इस ओर ही था इशारा!

CJI Chandrachud News:असल में सीजेआई बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में बोलते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा था क‍ि जिन आरोप‍ियों को लोअर कोर्ट से बेल जमानत मिल जानी चाहिए, उन्हें वहां जमानत नहीं मिल रही है. इसके चलते आरोपी याच‍िका लेकर हाईकोर्ट पहुंचते हैं और ऐसे में उनका कामकाज भी बढ़ जाता है. इतना ही नहीं हाईकोर्ट भी जब आरोप‍ियों को जमानत नहीं देता है तो वो आरोपी सुप्रीम कोर्ट जाते हैं ऐसे देश की सर्वोच्‍च अदालत पर भी मामलों की संख्‍या बढ़ रही है.

क्‍या CJI चंद्रचूड़ की च‍िंता सच हुईलोअर कोर्ट का फैसला इस ओर ही था इशारा!
नई द‍िल्‍ली. देश की सबसे बड़ी अदालत के मुख्‍य न्‍यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने 3 द‍िन पहले ज‍िस बात को लेकर च‍िंता जाह‍िर की थी वो आज यानी मंगलवार को सच साब‍ित होती लगी. असल में सीजेआई चंद्रचूड़ ने न‍िचली अदालत के काम करने के तरीके को लेकर कई बार सवाल उठा चुके है. उनकी सबसे बड़ी चिंता इस बात को लेकर है क‍ि न‍िचली अदालत के जज सेफ रहना चाहते हैं और कोई जोख‍िम नहीं लेना चाहते हैं. यह बात तब सच साब‍ित होती द‍िखी रही है जब द‍िल्‍ली की तीस हजारी कोर्ट ने राजेंद्र नगर IAS कोच‍िंग अकेडमी में हुए हादसे में तीन छात्रों की मौत के मामले में ग‍िरफ्तार थार कार चलाने वाले शख्‍स की जमानत याच‍िका खार‍िज कर द‍िया. ओल्‍ड राजेंद्र नगर में हुए हादसे के बाद द‍िल्‍ली पुल‍िस ने जब थार कार के माल‍िक को अरेस्‍ट क‍िया तो सोशल मीड‍िया से लेकर कोर्ट रूम में वकीलों के बीच चर्चा यह थी आख‍िर क‍िस आरोप में ग‍िरफ्तारी हुई. आम आदमी भी उम्‍मीद कर रहा था क‍ि कोर्ट में जब यह मामला आएगा तो थार माल‍िक के ख‍िलाफ द‍िल्‍ली पुल‍िस का केस ट‍िक नहीं पाएगा. कोर्ट की पहली सुनवाई में ही यह मामला खार‍िज हो जाएगा. पर ऐसा कुछ नहीं हुआ बल्‍कि तीस हजारी कोर्ट ने द‍िल्‍ली पुल‍िस की उन सभी दलीलों को मान ल‍िया ज‍िसमें आरोपी मनोज ‘मस्‍तीखोर’ बताया गया था. इतना ही नहीं द‍िल्‍ली पुलिस ने उसके यूट्यूब चैनल के वीड‍ियो भी जज को द‍िखाए. इस मामले में लोअर कोर्ट के फैसले के बाद लोग सीजेआई की 3 द‍िन पहले कही बातों को याद कर रहे हैं. लोअर कोर्ट ने अपने फैसले में मनोज के पानी पर गाड़ी चलाने के मामले को गंभीर प्रकृत‍ि का माना है. इतना नहीं लोअर कोर्ट के जज ने कहा है क‍ि सीसीटीवी फुटेज देखने से पहली नजर में पता चलता है कि ड्राइवर को कुछ राहगीरों द्वारा आगे आने वाले खतरों के बारे में चेतावनी देने की कोशिश की थी, लेकिन उसने कोई ध्यान नहीं दिया. लोअर कोर्ट के जज ने कहा क‍ि पानी से भरी सड़क पर इतनी तेज गति से गाड़ी चलाने से पानी का बड़ा हिस्सा सड़क से बाहर निकल आया, जिसके चलते कोचिंग सेंटर का कथित गेट टूट गया और पानी बेसमेंट में चला गया, जिसकी वजह से इस घटना में तीन मासूम छात्रों की जान चली गई. लोअर कोर्ट के इस फैसले के बाद अब आरोपी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा और वह बेल की गुहार लगाएगा. वहां से राहत म‍िली तो ठीक वरना वह सुप्रीम कोर्ट में बेल याच‍िका दाख‍िल करेगा. अब देखना होगा क‍ि आरोपी को ऊपरी अदालत से जमानत म‍िलती है या उसका केस खार‍िज होता है. आपको बता दें क‍ि ओल्‍ड राजेंद्र नगर हादसे में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कार माल‍िक की ग‍िरफ्तारी पर कहा था क‍ि इस मामले में पुल‍िस ने राहगीर को ग‍िरफ्तार कर ल‍िया है. इतना ही नहीं न‍िचले स्‍तर के न‍िगम कर्मचार‍ियों की कार्रवाई पर भी हाईकोर्ट ने नाराजगी जाह‍िर की थी. असल में सीजेआई बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में बोलते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा था क‍ि जिन आरोप‍ियों को लोअर कोर्ट से बेल जमानत मिल जानी चाहिए, उन्हें वहां जमानत नहीं मिल रही है. इसके चलते आरोपी याच‍िका लेकर हाईकोर्ट पहुंचते हैं और ऐसे में उनका कामकाज भी बढ़ जाता है. इतना ही नहीं हाईकोर्ट भी जब आरोप‍ियों को जमानत नहीं देता है तो वो आरोपी सुप्रीम कोर्ट जाते हैं ऐसे देश की सर्वोच्‍च अदालत पर भी मामलों की संख्‍या बढ़ रही है. इतना ही नहीं सीजेआई ने कहा था क‍ि आज समस्या यह है कि न‍िचली अदालतों के जज द्वारा दी गई किसी भी राहत को संदेह की दृष्टि से देखते हैं. इसका मतलब यह है कि अधीनस्थ अदालत के न्यायाधीश महत्वपूर्ण मामलों में जमानत देकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं. प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि न्यायाधीशों को प्रत्येक मामले की बारीकियों और सूक्ष्मताओं को देखना होगा. उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामले सुप्रीम कोर्ट में आने ही नहीं चाहिए. (डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए jharkhabar.comHindi उत्तरदायी नहीं है.) Tags: IAS exam, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 20:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed