लोकसभा चुनाव में यूपी में कैसे घट गए भाजपा के 8 फीसदी वोट PM को सौंपी रिपोर्ट

यूपी में लोकसभा चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन का पार्टी ने पोस्मार्टम कर लिया है. इस पोस्टमार्टम की रिपोर्टे सीधे पीएम मोदी को सौंपी गई है.

लोकसभा चुनाव में यूपी में कैसे घट गए भाजपा के 8 फीसदी वोट PM को सौंपी रिपोर्ट
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा के खराब प्रदर्शन के कारणों का पार्टी ने पोस्टमार्टम कर लिया है. इस पोस्टमार्टम में एक सबसे बड़ी जानकारी यह सामने आई है कि इस चुनाव में पार्टी के एक-दो नहीं बल्कि पूरे आठ फीसदी वोट छिटक गए. ऐसा राज्य के सभी छह डिविजनों में देखने को मिला. इस कारण राज्य के सभी इलाकों- पश्चिम, ब्रज, कानपुर, बुंदलखंड, गोरखपुर और काशी में पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा. इनमें भी पश्चिम और काशी में पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ. दरअसल, बुधवार को यूपी भाजपा के अध्यक्ष भुपेंद्र चौधरी ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी. इसके बाद पीएम मोदी की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ लंबी बातचीत हुई. इससे पहले पार्टी ने यूपी में भाजपा के खराब प्रदर्शन पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की. इस 15 पन्नों की रिपोर्ट को तैयार करने के लिए राज्य में 50 हजार से अधिक पार्टी लोगों से बातचीत की गई. मौर्य-कुर्मी की दूरी यूपी में पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर लखनऊ से दिल्ली तक बैठकों का दौर चल रहा है. मंगलवार को राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और भुपेंद्र चौधरी ने दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष जीपी नड्डा सहित कई अन्य नेताओं से मुलाकातें की थीं. न्यूज18 को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक इस रिपोर्ट के मुताबिक 2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी में कुर्मी और मौर्य जाति के मतदाताओं ने भाजपा वोट नहीं किया. राज्य में ओबीसी में यादव समाज के बाद संख्या और प्रभाव में इन जातियों की स्थिति बेहतर है. बीते चुनावों से ये जातियां भाजपा का हार्डकोर वोटर रही हैं. इसके साथ ही राज्य में बीएसपी के वोट में 10 फीसदी की गिरावट आई. इससे सीधे तौर पर सपा-कांग्रेस के इंडिया गठबंधन को फायदा पहुंचा. इसमें यह भी कहा गया है कि पार्टी को दलित समुदाय के केवल एक तिहाई वोट ही मिले. दलित समुदाय का समर्थन नहीं इस रिपोर्ट में जातीय समीकरण के अलावा पार्टी की हार के लिए कई अन्य कारण गिनाए गए हैं. इसमें प्रशासन का पार्टी और सरकार पर हावी होना एक बड़ा कारण बताया गया है. कई मुद्दों पर नौकरशाही और पुलिस के दखल से जनता खासतौर पर भाजपा समर्थक भी परेशान नजर आए. राज्य के शीर्ष नेतृत्व के रवैये ने पार्टी के कट्टर कार्यकर्ताओं को हतोत्साहित किया. उनकी शिकायतों और चिंताओं को भी सुनने वाला कोई नहीं था. सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सात चरण में चुनाव करवाना भी महंगा पड़ा. अंतिम कुछ चरणों तक चुनाव के पहुंचने के वक्त तक कार्यकर्ता हताश हो गए थे. एनडीए को 400 सीटें मिलने की स्थिति में संविधान बदल दिए जाने संबंधी कुछ नेताओं के बयान भी गलत समय पर दिए गए. Tags: BJP, PM Modi, UP newsFIRST PUBLISHED : July 18, 2024, 14:28 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed