कुटीर उद्योग से आप कर सकते हैं तगड़ी कमाई बस सयंत्र को लगाने की है जरूरत

आटा चक्की के मालिक जिलाजीत ने बताया कि सौर ऊर्जा के प्रयोग से डीजल में लगने वाले पैसे की बचत हो रही है. इसमें पैसे एक बार ही लगाना पड़ता है. यह 20-22 सालों तक चलता है. 5 हार्स पावर के संयंत्र पर 4 लाख लागत लगा. केवल 80 हजार रुपए जमा कर बांकी पैसों का किस्त बनवा लिए हैं. इससे 3 से 4 लाख की कमाई हो रही है.

कुटीर उद्योग से आप कर सकते हैं तगड़ी कमाई बस सयंत्र को लगाने की है जरूरत
बस्ती. ऊर्जा की बढ़ती मांगों को लेकर जहां एक तरफ सरकारें अनुसंधान करती रहती है, वहीं दूसरी तरफ छोटे उद्योगपतियों के लिए सौर ऊर्जा वरदान के रूप में उभरकर आया है. सौर ऊर्जा का प्रचलन कुटीर उद्योगों में बढ़ने से लागत में कमी आई है और बचत में बढ़ोतरी होने लगी. बताते चलें कि डीजल, पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से कुटीर उद्योग से जुड़े लाेगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. लेकिन, यह समस्या सौर ऊर्जा के विकल्प ने काफी हद तक कम कर दिया. जब से आटा चक्की, स्पेलर और छोटे कुटीर उद्योगों में इसका प्रयोग होने लगा तो छोटे व्यसाइयों का इनकम भी बढ़ा है. ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा का बढ़ा चलन सौर ऊर्जा का ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचलन बढ़ा है. जिससे छोटे व्यापारियों एवं कुटीर उद्योगों को राहत मिली है. आटा चक्की में इसका प्रयोग बहुतायत देखने को मिल रहा है. जिससे डीजल या बिजली की खपत ना के बराबर हो रही है. एक बार इन्वेस्टमेंट के बाद 20 सालों तक पैसे नहीं लगाने पड़ते हैं. आटा चक्की चलाने वाले छोटे व्यवसाई धोबहा निवासी जिलाजीत ने बताया कि सौर ऊर्जा लगाने के बाद बचत बढ़ गया है और वह अब अच्छे तरीके से जीवन-यापन कर रहे हैं. जिलाजीत ने बताया कि सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक आराम से निरंतर सारे संयंत्र चलते रहता है. सर्दियों में घना कोहरा या बारिश के मौसम में बादल आ जाने से थोड़ी सी समस्या होती है. लेकिन, धूप निकलने पर निरंतर काम होते रहता है. गर्मियों के मौसम में लगातार 10 से 12 घंटों तक काम किया जा सकता है. डीजल में लगने वाले पैसे की हो रही है बचत आटा चक्की के मालिक जिलाजीत ने बताया कि जहां इंजन से चलाने पर 10 लीटर डीजल के लिए प्रतिदिन लगभग एक हजार रूपए लगाने पड़ते थे. वहीं यह राशि प्रतिदिन बच रहा है. जिससे इनकम कई गुना बढ़ गया है. उन्होंने बताया कि सौर ऊर्जा में लागत एक बार ही लगाना पड़ता है, इसके बाद 20-22 सालों तक इसमें कुछ नहीं लगाना पड़ता है. 5 हार्स पावर का संयंत्र जिलाजीत चलाते हैं, जिसमें लागत 4 लाख रुपए की आई है. केवल 80 हजार रुपए जमा करना पड़ा और बांकी पैसों का किस्त बनवा लिए हैं. देखा जाए तो 3 से 4 लाख रुपए सालाना आटा चक्की और स्पेलर से कमा रहे हैं. Tags: Basti news, Local18, Solar system, UP newsFIRST PUBLISHED : August 29, 2024, 13:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed