एक्सपर्ट की सलाह से करें मेथी खेती दोगुनी होगी पैदावार
एक्सपर्ट की सलाह से करें मेथी खेती दोगुनी होगी पैदावार
डॉ. कौशल कुमार पाण्डेय ने लोकल 18 को बताया कि मेथी की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है. सितंबर और अक्टूबर का महीना आदर्श होता है. हमेशा बीज को उपचारित कर ही बुवाई करें. मेथी की पैदावार बढ़ाने के लिए जैविक खाद का उपयोग बेहद फायदेमंद होता है. मेथी की फसल बुवाई के 30-35 दिन बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है.
बलिया. मेथी की उत्तम खेती करने के लिए सितंबर का तीसरा और चौथा सप्ताह बेहद अनुकूल होता है. हम यह कह सकते हैं कि इस समय इस फ़सल की खेती के लिए वातावरण सर्वोत्तम माना जाता है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, मेथी की बुवाई का सही समय चुनने से पैदावार में दोगुनी वृद्धि हो सकती है.
यदि किसान सही समय और विधि का पालन करते हैं, तो मेथी की फसल से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि मेथी की बुवाई का परफेक्ट समय क्या है और कैसे पैदावार बढ़ा सकते हैं.
क्या है बुवाई का सही समय
श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय बलिया के सस्यविज्ञान के प्रवक्ता एवं कृषि फॉर्म प्रभारी डॉ. कौशल कुमार पाण्डेय ने लोकल 18 को बताया कि मेथी की बुवाई के लिए अक्टूबर और नवंबर का महीना सबसे उपयुक्त माना जाता है. इस समय पर मौसम ठंडा और नमी से भरपूर होता है, जो मेथी के बीजों के अंकुरण के लिए बेहतर माहौल प्रदान करता है. इस दौरान तापमान 15 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है, जो बीजों के तेजी से उगने के लिए अनुकूल होता है.
ऐसे करें बुवाई से पहले खेत को तैयारी
डॉ. कौशल कुमार पाण्डेय ने लोकल 18 को बताया कि मेथी की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है, जिसमें जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो. खेती से पहले मिट्टी की जांच करवाकर उसका पीएच स्तर 6 से 7 के बीच सुनिश्चित करें. मेथी की बुवाई से पहले खेत को अच्छे से तैयार करें. एक या दो बार हल चलाकर मिट्टी को भुरभुरा बनाएं और मिट्टी में उर्वरक मिलाएं. कम्पोस्ट या वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करने से मिट्टी में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ती है, जिससे पौधों की वृद्धि बेहतर होती है.
उपचारित बीज का ही करें बुवाई
डॉ. कौशल कुमार पाण्डेय ने लोकल 18 को बताया कि बीजों को बुवाई से पहले 12 घंटे पानी में भिगोकर रखें. इससे बीजों का अंकुरण बेहतर होता है. बीजों को जैविक फफूंदनाशक से भी उपचारित करें, ताकि रोगों से बचाव हो सके. एक हेक्टेयर भूमि में मेथी की बुवाई के लिए लगभग 20-25 किलोग्राम बीज की जरूरत होती है. बीजों को सही दूरी पर बुवाई करें, ताकि पौधों के बीच जगह बनी रहे और उन्हें पोषण और हवा सही मात्रा में मिल सके. मेथी के बीजों को ज्यादा गहराई में ना बोएं. 2-3 सेंटीमीटर की गहराई पर बीजों की बुवाई करें, जिससे अंकुरण जल्दी और सही तरीके से हो सके. बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें. इसके बाद हर 7-10 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करते रहें. मेथी की फसल में जलभराव से बचें क्योंकि इससे जड़ों में सड़न हो सकती है.
पैदावार बढ़ाने के लिए एक्सपर्ट की खास सलाह
डॉ. कौशल कुमार पाण्डेय ने लोकल 18 को बताया कि मेथी की पैदावार बढ़ाने के लिए जैविक खाद का उपयोग बेहद फायदेमंद होता है. गोबर की खाद या कम्पोस्ट का उपयोग करने से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है और फसल की वृद्धि अच्छी होती है. इसके अलावा, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश (NPK) का संतुलित उपयोग भी पैदावार को बढ़ाने में मदद करता है. मेथी की खेती में खरपतवार एक बड़ी समस्या हो सकती है. समय-समय पर खरपतवार हटाने से पौधों को सही पोषक तत्व मिलते हैं, जिससे उनकी वृद्धि तेज होती है. बुवाई के 20-25 दिन बाद पहली गुड़ाई करें और फिर 40-45 दिन बाद दूसरी गुड़ाई करें.
कीट और रोग प्रबंधनबेहद जरूरी
डॉ. कौशल कुमार पाण्डेय ने लोकल 18 को बताया कि मेथी की फसल में एफिड और जड़ गलन जैसी बीमारियों का खतरा रहता है. इनसे बचाव के लिए नीम के तेल या जैविक कीटनाशकों का छिड़काव करें. रोगग्रस्त पौधों को तुरंत हटाकर खेत से बाहर करें. मेथी की फसल बुवाई के 30-35 दिन बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है. जब पौधों की पत्तियां पूरी तरह से हरी और मुलायम हों, तभी कटाई करें. पत्तियों को बार-बार काटने से पौधे में नई पत्तियां उगती हैं, जिससे फसल की गुणवत्ता और पैदावार दोनों में वृद्धि होती है.
Tags: Agriculture, Ballia news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 14, 2024, 11:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed