परिवार ने किया विरोध तो रीना ने सफलता से दिया जवाब कर रही हैं मोटी कमाई

Success Story In Hindi: कई बार परिवार वो नहीं चाहता, जो हम चाह रहे होते हैं. कुछ ऐसा ही हुआ रीना के साथ. लेकिन उन्होंने अपनी सफलता से सभी को जवाब दिया.

परिवार ने किया विरोध तो रीना ने सफलता से दिया जवाब कर रही हैं मोटी कमाई
आजमगढ़: कहानी है आजमगढ़ की एक महिला की. जो अपने साथ-साथ कई महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना रही हैं. वो आजमगढ़ जिले के सगड़ी तहसील की रहने वाली हैं. रीना को घर और परिवार के तमाम विरोधों को सहने के बाद भी हार नहीं मानी. दूसरी महिलाओं को भी मसाले बनाने का हुनर सीखा रही हैं. अब वो खुद परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी उठा रही हैं. परिवार से विरोध से नहीं घबराई रीना ने बताया कि उन्होंने घरवालों से मसाले बनाने की ट्रेनिंग लेने की इच्छा जताई. तो परिवार के लोगों ने हवाला देकर मना कर दिया. पक्के इरादे और मजबूत हौसलों के कारण उन्होंने परिवार का विरोध झेलने बात भी मसाला बनाने का हुनर सीखा. उन्होंने अपने इस हुनर को आत्मनिर्भर बनने का हथियार बनाया और गांव में ही मसाला बनाने का कारोबार शुरू किया. स्वयं सहायता समूह की शुरुआत की सरकार की तरफ से मिलने वाले सहयोग के साथ रीना ने राष्ट्रीय आजीविका स्वयं सहायता समूह की शुरुआत की. जिसके जरिए वह मसाला बनाने के कारोबार को संचालित करने में कामयाब हुई. धीरे-धीरे आसपास की महिलाएं इस समूह से जुड़ने लगीं और इसका सकारात्मक फल भी मिलने लगा. लिहाजा कुछ ही समय में मसाले की महक आसपास के क्षेत्रों में भी फैलने लगी. इसे भी पढ़ेंः ढिबरी की रोशनी में की पढ़ाई, कई असफलताओं के बाद भी नहीं मानी हार, आज हैं डिप्टी कैशियर राष्ट्रीय आजीविका मिशन ने दिखाया रास्ता सरकार की राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अंतर्गत 2016 में मसाला बनाने की ट्रेनिंग लेकर रीना ने 2017 में माया आजीविका स्वयं सहायता समूह का गठन किया. अपना कदम बढ़ाया. साल 2017 में शुरू किया गया प्रयास 2021 में अपनी खुशबू बिखरने लगा. धीरे-धीरे गांव की महिलाएं भी इस संगठन से जुड़कर मसाला सीखने का प्रशिक्षण लेने लगी. शुरुआत में 20 महिलाओं ने मसाला बनाने और उसकी पैकिंग की विधि को सीखा. आज प्रतिदिन 3 से 4 घंटे काम करके महिलाएं ₹400 से ₹500 कमा लेती हैं. दूर-दूर तक हो रही है सप्लाई जब मसाला बनाने का काम शुरू किया गया था, तब वह केवल आसपास के क्षेत्र तक ही पहुंच पाया था. लेकिन धीरे-धीरे आजमगढ़ या आसपास के बाजारों में भी इसकी पहुंच बढ़ने लगी. वर्तमान में कच्चे मसाले का सामान गोरखपुर व अन्य जिलों में थोक भाव से मंगाया जाता है. जबकि तैयार मसाला आजमगढ़ मऊ और बलिया में भी सप्लाई किया जाता है. Tags: Local18, Success Story, UP newsFIRST PUBLISHED : September 4, 2024, 14:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed