राहुल संग मटन पसंद है लेकिन सियासी हांडी चढ़ाने से तेजस्वी का इनकार क्यों
राहुल संग मटन पसंद है लेकिन सियासी हांडी चढ़ाने से तेजस्वी का इनकार क्यों
Tejaswi Yadav Politics: बिहार में विधानसभा चुनाव इसी साल होना प्रस्तावित है. इसे देखते हुए प्रदेश की सियासत भी नई करवट लेने लगा है. ऑल वेदर फ्रेंड कांग्रेस से हाथ छुड़ाने की कोशिश में है.
हाइलाइट्स तेजस्वी यादव ने कांग्रेस को एक ही बयान से दे दिया संकेत बिहार में इसी साल होने वाले हैं विधानसभा चुनाव RJD सीट बंटवारे में मुरव्वत बरतने को कतई तैयार नहीं
पटना. तेजस्वी यादव के एक बयान ने बिहार में इंडिया गठबंधन की स्थिति और कांग्रेस की हालत दोनों की पोल खोलकर रख दी है. RJD नेता ने स्पष्ट श्ब्दों में कह दिया कि इंडिया के साथ गठजोड़ लोकसभा चुनाव के लिए था. तेजस्वी के इस बयान ने एक ही झटके में कांग्रेस को बिहार में उसकी स्थिति दिखा दी है. इसी साल विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं, ऐसे में RJD नेता के बयान का मतलब आसानी से समझा जा सकता है. इंडिया गठबंधन में कांग्रेस की हैसियत कम होने के साथ ही राहुल गांधी के उस प्रयास को भी झटका लगा है, जिसके तहत उन्हें एकजुट विपक्ष का नेता के तौर पर देखा जा रहा था. बता दें कि अतीत में लालू प्रसाद यादव और सोनिया गांधी के सियासी रिश्ते काफी प्रगाढ़ रहे हैं, लेकिन राहुल गांधी और तेजस्वी के बीच वह दोस्ताना रवैया कम से कम व्यवहार में तो नहीं दिख रहा है.
तेजस्वी यादव ने बिना किसी लाग लपेट के कहा कि इंडिया गबठबंधन लोकसभा चुनाव के दौरान नेशनल लेवल पर NDA से मुकाबले के लिए था. यह गठबंधन राज्यस्तर के लिए नहीं था. विधानसभा चुनाव को देखते हुए अब RJD ने भी कांग्रे से किनारा करना शुरू कर दिया है. दरअसल, विधानसभा चुनावों में आरजेडी के बाद कांग्रेस के खाते में ही ज्यादा सीटें जाती हैं, लेकिन कांग्रेस का विनिंग परसेंटेज अन्य सहयोगी दलों के मुकाबले कम रहा है. तेजस्वी के बयान के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. साथ ही यह भी माना जा रहा है कि तेजस्वी यादव ने विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस को सीधा संदेश दे दिया है. मतलब RJD अपनी शर्तों पर सीट का बंटवारा करेगा. वह कांग्रेस के दबाव में कतई नहीं आने वाला है.
तेजस्वी यादव का कांग्रेस को सीधा सिग्नल, बिहार विधानसभा चुनाव में नहीं चलेगी मनमानी…
सियासी हांडी के लिए चूल्हे में ताव नहीं
बता दें कि साल 2023 में पटना स्थित लालू यादव के आवास पर चंपारण मीट बनाने के लिए खास हांडी चढ़ी थी. सियासी गलियारों में इसकी खूब चर्चा हुई थी. लालू यादव ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ मिलकर चंपारण मटन बनाया और छक कर उसका स्वाद भी चखा. लेकिन, बिहार विधानसभा का वक्त करीब आते ही सियासी चूल्हे का ताव बुझने लगा है. RJD अभी से ही कांग्रेस को नसीहत देने में जुट गए हैं. तेजस्वी ने राहुल संग सियासी हांडी चूल्हे पर चढ़ाने से साफ इनकार कर दिया है. अब यह तो वक्त ही बताएगा कि चुनाव के वक्त सीटों के बंटवारे का तौर-तरीका क्या होगा, लेकिन इतना तो तय है कि RJD इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रति नरमी दिखाने के मूड में नहीं है.
कमजोर होती कांग्रेस
दरअसल, हाल में ही लोकसभा चुनाव के बाद 4 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं. झारखंड और जम्मू-कश्मीर में इंडिया गठबंधन के घटक दलों ने जीत हासिल की. इन दोनों प्रदेशों में कांग्रेस का प्रदर्शन जबरदस्त नहीं रहा. दूसरी तरफ, बीजेपी ने महाराष्ट्र और हरियाणा में प्रचंड जीत मिली. खासकर हरियाणा में कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के साथ गठजोड़ करने से इनकार कर दिया था. हरियाणा में तो मुंह की खानी पड़ी ही, रही सही कसर महाराष्ट्र ने पूरी कर दी. इसके बाद से ही कांग्रेस पार्टी और राहुल की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठते रहे हैं. उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में तो कांग्रेस मैदान में भी नहीं उतरी. मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए तेजस्वी कांग्रेस के प्रति नरमी बरतने के मूड में नहीं है.
Tags: National News, Rahul gandhi, Tejaswi yadavFIRST PUBLISHED : January 8, 2025, 21:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed