केडीए ने तोड़ी बूंदी के शासक राव सूरजमल हाड़ा की छतरी तहसीलदार समेत 3 सस्पेंड

Kota News: कोचिंग सिटी कोटा के ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की जमीन में आ रही बूंदी के शासक राव सूरजमल हाड़ा की छतरी को तोड़ने के बाद अब कोटा विकास प्राधिकरण बैकफुट पर आ गया है. ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए उसने इस कार्रवाई को अंजाम देने वाले तहसीलदार समेत तीन कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है.

केडीए ने तोड़ी बूंदी के शासक राव सूरजमल हाड़ा की छतरी तहसीलदार समेत 3 सस्पेंड
हिमांशु मित्तल. कोटा. कोटा के ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की जमीन की जद में आई तुलसी गांव में स्थित बूंदी के शासक राव सूरजमल हाड़ा की छतरी ध्वस्त करने का मामला तूल पकड़ गया है. कोटा विकास प्राधिकरण (KDA) की ओर से की गई इस कार्रवाई का करणी सेना और ग्रामीणों ने जबर्दस्त विरोध किया. उसके बाद केडीए बैकफुट पर आ गया और उसने इस कार्रवाई को अंजाम देने वाले तहसीलदार समेत भू-अभिलेख निरीक्षक और पटवारी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है. इसके साथ वहां नए सिरे से छतरी बनाने का काम शुरू करा दिया गया. एयरपोर्ट को आवंटित हो रखी इस जमीन से केडीए की ओर से दो दिन पहले अतिक्रमण हटाया गया था. उसी दौरान इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया था. केडीए की ओर से छतरी को ध्वस्त करने के बाद ग्रामीण उखड़ गए और उन्होंने इसका पुरजोर विरोध जताया. करणी सेना भी एक्शन मोड में आ गई. ग्रामीणों के आक्रोश के बढ़ते देखकर जनप्रतिनिधि और प्रशासन भी सतर्क हो गया. उसके बाद जिला कलेक्टर रविन्द्र गोस्वामी ने इस पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यी जांच कमेटी का गठन किया था. तहसीलदार, भू-अभिलेख निरीक्षक और पटवारी की लापरवाही आई सामने जांच के बाद कमेटी के सदस्य एसडीएम गजेन्द्र सिंह, केडीए के विशेषाधिकारी मालविका त्यागी और तहसीलदार हरिनारायण सोनी की कमेटी ने शनिवार को उनको अपनी तथ्यात्मक रिपोर्ट सौंप दी. कलेक्टर को सौंपी गई इस तथ्यात्मक रिपोर्ट के बाद इसमें तहसीलदार प्रवीण कुमार, भू-अभिलेख निरीक्षक मुरलीधर और पटवारी रामनिवास की लापरवाही मानते हुए तीनों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया. केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भी घटना पर जताया दुख इस घटना को लेकर केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दुख जताया. शेखावत ने लिखा कि बूंदी नरेश राव सूरजमल हाड़ा जी की छतरी को तोड़ दिया जाना एक दुखद और व्यथित कर देने वाली घटना है. क्या केडीए ने छतरी का ऐतिहासिक महत्व जानकर भी यह कार्य किया? इस संदर्भ में पड़ताल और उचित कार्रवाई आवश्यक है. उन्होंने कहा कि जनभावना को सर्वोच्च रखना व्यवस्था संचालकों की नैतिक जिम्मेदारी है. उल्लेखनीय है कि बूंदी के शासक राव सूरजमल हाड़ा की छतरी करीब 600 साल पुरानी है. यह स्थानीय लोगों की आस्था का केन्द्र है. Tags: Big news, Kota news, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : September 22, 2024, 07:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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