डॉगी की मौत से गम में डूबा परिवार शोक संदेश छपवाया तीये की बैठक रखी

Churu News: चूरू में एक डॉगी की मौत से दुखी उसके मालिक ने न केवल उसका शोक संदेश छपवाया बल्कि आज तीये की बैठक भी रखी. डॉगी के मालिक का कहना है कि डॉगी ने छह साल पहले उसके परिवार को कोबरा सांप से बचाया था.

डॉगी की मौत से गम में डूबा परिवार शोक संदेश छपवाया तीये की बैठक रखी
चूरू. चूरू जिले के बास ढाकान गांव में रहने वाले एक परिवार की कोबरा सांप से जान बचाने वाले जर्मन शेफर्ड नस्ल की फिमेल डॉगी मीकू की मौत होने जाने से उसका मालिक और पूरा परिवार गम में डूबा हुआ है. इस डॉगी की मौत हो जाने पर उसके मालिक ने समाचार पत्र में शोक संदेश भी छपवाया है. इसके अलावा सदमे में डूबे इस परिवार ने आज अपने घर पर उसकी तीये की बैठक रखी. यह पूरा परिवार डॉगी की मौत से उबर नहीं पा रहा है. बास ढाकान गांव निवासी अरविंद ढाका ने बताया कि मीकू उसके परिवार और जीवन का हिस्सा बन गई थी. उसकी मंगलवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे सीएचएफ कंजेटिव हार्ट फैलीयर नाम की बीमारी की मौत हो गई. ढाका ने बताया कि मीकू की मौत पर उसे ऐसा महसूस हुआ की जैसे उसकी संतान या भाई की मौत हो गई है. परिवार में मातम छा गया है. नम आंखों से परिवार के लोगों के साथ मीकू को अपने ही खेत में दफनाया है. मिकू को कंजेटिव हार्ट फैलीयर नाम की बीमारी हो गई थी अरविंद ढाका ने बताया कि साल 2014 में जब मीकू एक महीने की थी तब वह उसे हरियाणा के हिसार से खरीद कर लाया था. धीरे धीरे वह उनके परिवार का हिस्सा बन गई. करीब डेढ़ साल पहले वह बीमार हो गई थी. उसको हिसार में हिसार वेटनरी कॉलेज में दिखाया था. वहां पशु चिकित्सक ने बताया कि मीकू के कंजेटिव हार्ट फैलीयर नाम की बीमारी हो गई है. इसके कारण करीब सौ मीटर चलने के बाद उसकी सांस फूलने लग जाती थी. वहां उसकी काफी जांचें करवाकर दवाइयां दिलाई. इलाज में करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च हुए ढाका ने बताया कि जह मीकू को पहली बार हिसार लेकर गये थे तब करीब 40 हजार रुपये खर्च हुए थे. उसकी बीमारी में इलाज के लिये करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च हुए लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. बकौल अरविन्द साल 2018 में मीकू ने परिवार की कोबरा सांप से उसके परिवार की जान बचाई थी. एक रात जब परिवार के लोग कमरे में सोए हुए थे. उसी दौरान काले रंग का कोबरा सांप घर में आ गया. मीकू बेड के पास आकर जोर जोर से भौंकने लगी वह उनके कमरे में घुस रहा था तब मीकू बेड के पास आकर जोर जोर से भौंकने लगी. इससे परिवार के सभी लोग जाग गए. अरविंद ढाका चूरू के नया बास में मेडिकल स्टोर चलाते हैं. उन्होंने बताया कि शाम को किसी भी समय जब वह घर जाता तो मीकू दरवाजे पर उसका इंतजार करती थी. यहां तक की घर का मुख्य गेट भी वहीं खोलती थी. उसके साथ बिताया हर लम्हा आंखों के सामने घूम रहा है. उसकी कमी इस जीवन में कभी भी पूरी नहीं होगी. Tags: Churu news, Dog Lover, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : July 11, 2024, 15:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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