सरिस्का पांडुपोल मंदिर में प्रसादी पर संकट! महंत और श्रद्धालु भड़के
सरिस्का पांडुपोल मंदिर में प्रसादी पर संकट! महंत और श्रद्धालु भड़के
Alwar News: देशभर में बाघों के लिए प्रसिद्ध सरिस्का बाघ अभ्यारण्य में स्थित पांडुपोल हनुमान मंदिर के महंत और श्रद्धालु इन दिनों नाराज हैं. उनका आरोप है कि वन विभाग ने यहां प्रसादी करने और कच्ची सामग्री अंदर लाने पर मौखिक तौर पर रोक लगा दी है. वन विभाग ने इससे इनकार किया है.
अलवर. अलवर जिले में सरिस्का प्रशासन ने पांडुपोल मंदिर में भंडारे और प्रसादी ग्रहण करने पर मौखिक तौर रोक लगा दी है. वन विभाग के कर्मचारियों ने सरिस्का के मुख्य गेट से प्रसाद और कच्ची सामग्री अंदर ले जाने पर यह पांबदी लगाई है. महाभारत काल के ऐतिहासिक पांडुपोल मंदिर में सरिस्का प्रशासन की कथित मनमर्जी से श्रद्धालुओं में आक्रोश व्याप्त हो गया है. वहीं सरिस्का बाघ परियोजना के डीएफओ ने इससे इनकार किया है. मंदिर के महंत ने वन विभाग पर श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है.
पांडुपोल मंदिर के महंत बाबूलाल शर्मा ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से डीएफओ की ओर से मंदिर कमेटी की गाड़ियों को रोककर मंदिर में भोजन प्रसादी के लिए आने वाली सामग्रियों की रोक-टोक करने की कोशिश की जा रही थी. महंत का आरोप है कि अब सरिस्का वन विभाग ने मंदिर प्रांगण में वितरित की जाने वाली खाद्य सामग्री और भोजन प्रसादी पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. इससे वर्षों से चली आ रही हनुमानजी की प्रसादी शनिवार को भक्तों को नहीं मिल पाई. बकौल महंत सरिस्का प्रशासन ने भक्तों की आस्था पर गहरी ठेस पहुंचाने का काम किया है.
वन विभाग ने नए आदेशों से किया साफ इनकार
इस मामले को लेकर सरिस्का बाघ परियोजना के डीएफओ महेन्द्र कुमार शर्मा का कहना है कि हमने नियमों से परे जाकर कोई आदेश जारी नहीं किए हैं. वहां कच्ची खाद्य सामग्री ले जाकर भंडारा और सवामणी तैयार करना 2010 से ही बंद है. इस संबंध में मंदिर कमेटी की ओर से उच्च न्यायालय मे याचिका दायर की गई थी. वह अभी हाईकोर्ट में लंबित है. मंदिर में रहने वाले पुजारी, सेवादारों और स्टाफ के लिए भोजन सामग्री ले जाने और वहां बनाने पर कोई पाबंदी नहीं है. श्रद्धालुओं का आरोप है कि भंडारे पर रोक लगा दी है. प्लास्टिक और केरी बैग पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.
श्रद्धालुओं में पनप रही नाराजगी
एक तरफ सरिस्का अभ्यारण्य क्षेत्र में वाटर पॉइंट्स पर पानी की भारी कमी चल रही है. वहां वन्य जीव एवं जंगली जानवरों को पानी उपलब्ध नहीं हो पाने से उनके जीवन पर संकट मंडरा रहा है. वहीं दूसरी तरफ वन विभाग के नियमों ने पांडुपोल धाम स्थित हनुमान मंदिर के भक्तों की भावनाओं पर चोट कर रहा है. इससे श्रद्धालुओं में नाराजगी देखी जा रही है.
Tags: Alwar News, Big news, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : June 3, 2024, 15:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed