प्रयागराज के इस स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में लें दाखिला स्क्वैश में बनाए करियर
प्रयागराज के इस स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में लें दाखिला स्क्वैश में बनाए करियर
स्क्वैश एक ऐसा खेल है जो दो विरोधियों द्वारा चार दीवारों से घिरे 9.75 मीटर x 6.4 मीटर के आयताकार कोर्ट पर खेला जाता है. इसके फ़र्श को हार्ड वुड से बनाया जाता है और पेशेवर प्रतियोगिता में दीवारें सेफ्टी ग्लास से बनाई जाती हैं ताकि दर्शकों को मुक़ाबला देखने में कोई परेशानी न हो.
रजनीश यादव/ प्रयागराज: अकसर लोगों को खेल के बारे में केवल क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल जैसी आउटडोर गेम के बारे में ही अधिकतर जानकारी होती है. लेकिन आप इंदौर गेम में भी अपना कैरियर बनाना चाहते हैं तो स्क्वैश भी एक बेहतरीन ऑप्शन है. जिसे ओलंपिक में शामिल करने के बाद इस खेल की डिमांड खिलाड़ियों में और बढ़ गई. इसी के चलते प्रयागराज में स्थित अमिताभ बच्चन स्पोर्ट कांप्लेक्स में स्क्वैश खेल को बड़ी उत्साह के साथ खिलाड़ियों को यह कोच सीखाते हैं.
कोच विजय शंकर दुबे बताते है कि स्क्वैश गेम में एडमिशन लेने से पहले हम लोग खिलाड़ियों का फिजिकल टेस्ट करते है. पहले कम से कम 5 किलोमीटर या फिर 2 किलोमीटर ग्राउंड का चक्कर लगवाते है. इससे उनके अंदर की पोटेंशियल और फिजिकल फिटनेस की जानकारी समझ में आ जाती है. प्रयागराज एक्सप्रेस खेल की शुरुआत करने से पहले आपको अमिताभ बच्चन स्पोर्ट कांप्लेक्स में सचिन से एक आवेदन फार्म लेना होता है. उस आवेदन फार्म को अपने आधार कार्ड व अन्य एकेडमी दस्तावेज के साथ संलग्न करके जमा करना होता है. इस प्रकार अलग-अलग उम्र के खिलाड़ियों का क्राइटेरिया अलग-अलग होता है.
स्क्वैश क्या है और यह कैसे खेला जाता है?
स्क्वैश एक ऐसा खेल है जो दो विरोधियों द्वारा चार दीवारों से घिरे 9.75 मीटर x 6.4 मीटर के आयताकार कोर्ट पर खेला जाता है. इसके फ़र्श को हार्ड वुड से बनाया जाता है और पेशेवर प्रतियोगिता में दीवारें सेफ्टी ग्लास से बनाई जाती हैं ताकि दर्शकों को मुक़ाबला देखने में कोई परेशानी न हो. सामने की दीवार पर, तीन लाइनें होतीं है. ज़मीन से 48 सेमी ऊपर (पेशेवर खेल में 43 सेमी तक कम) टिन, 1.78 मीटर की ऊंचाई पर सर्विस लाइन, और 4.57 मीटर पर आउट लाइन जो साइड की दीवारों पर नीचे की ओर पीछे की दीवार के साथ 2.13 मीटर का ढलान बनाती हैं. स्क्वैश मैच को शुरू करने के लिए सर्व करने वाले खिलाड़ी को दो सर्विस बॉक्स में से किसी एक से सर्विस करनी होती है और सर्विस लाइन और आउट लाइन के बीच बॉल को स्ट्राइक करना होता है.
इतनी है फीस
स्क्वैश खेल में एडमिशन लेने वाले खिलाड़ियों का 8 साल से 15 साल तक के बच्चों का ₹200 1 वर्ष की फीस है, जबकि 16 साल से अधिक उम्र वाले बच्चों की फीस 850 रुपए है. इसमें सरकार की तरफ से इन खिलाड़ियों को डाइट के साथ ही खेल की सामग्री गेंद आदि दी जाती है.
ऐसे होता है यह खेल
विजय शंकर दुबे बताते कि अमिताभ बच्चन स्पोर्ट कांप्लेक्स में स्क्वायर के लिए चार कोर्ट बने हुए हैं. जिनमें दो ग्लास कोर्ट है. दो नॉर्मल कोर्ट है. स्टेट लेवल खिलाड़ियों को ग्लास कोर्ट में प्रेक्टिस करने का मौका मिलता है, जबकि जो खिलाड़ी स्टेट नहीं खेल पाए हैं. उनके लिए सीमेंटेड दीवार की कोर्ट होती है. अमिताभ बच्चन स्पोर्ट कंपलेक्स अपने आधुनिक तरीके से निर्माण होने के कारण प्रयागराज की प्रमुख स्टेडियम में से एक है. जहां पर इंडोर खेल के कई स्टेडियम है.
यहां निकले हैं यह खिलाड़ी
विजय शंकर दुबे अभी तक 22 वर्षों में कई खिलाड़ियों का भविष्य सांवर चुके है. जिनमें संदीप यादव अंकित पटेल आशीष पटेल रौनक यादव दिव्या उपाध्याय प्रमुख खिलाड़ी हैं. अभी हाल ही में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्क्वायर खेलने जाने वाली उन्नति को भी शुरुआती दौर का प्रशिक्षण विजय शंकर दुबे ने ही दिया था. बाद में अपने पिता के साथ देहरादून ट्रेनिंग लेने चली गई. अंडर 11 में स्टेट लेवल खेल चुके मयूर वर्मा विजय शंकर दुबे से प्रशिक्षण ले रहे हैं. बताते हैं कि आगे चलकर ओलंपिक जाने का सपना देख रहे हैं.
Tags: Local18, Prayagraj News, Sports newsFIRST PUBLISHED : May 21, 2024, 10:51 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed