इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के दर्शनशास्त्र विभाग को मिला एक्सीलेंस ऑफ द ईयर अवॉर्ड
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के दर्शनशास्त्र विभाग को मिला एक्सीलेंस ऑफ द ईयर अवॉर्ड
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पीआरओ प्रोफेसर जय कपूर ने लोकल 18 से कहा कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के कश्मीर विश्वविद्यालय में हुए अखिल भारतीय दर्शन सम्मेलन में देशभर के दर्शनशास्त्र विभाग के लोग शामिल हुए थे. इसमें इस वर्ष इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग को दर्शन पर शोध कार्य एवं अच्छे सुविधाओं की वजह से एक्सीलेंस ऑफ द ईयर इन इंडिया चुना गया.
प्रयागराज. पूरब की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी कहे जाने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय में इन दिनों रैंकिंग में सुधार से लेकर अन्य बेहतरीन कार्य किए जा रहे हैं. विश्वविद्यालय छात्रों के हित में नए कोर्सों का संचालन एवं रोजगार को बढ़ाने के साथ ही दर्शन से संबंधित विषय पर भी लगातार काम कर रहा है. यही वजह है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पीआरओ प्रोफेसर जय कपूर ने लोकल 18 से कहा कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के कश्मीर विश्वविद्यालय में हुए अखिल भारतीय दर्शन सम्मेलन में देशभर के दर्शनशास्त्र विभाग के लोग शामिल हुए थे. इसमें इस वर्ष इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग को दर्शन पर शोध कार्य एवं अच्छे सुविधाओं की वजह से एक्सीलेंस ऑफ द ईयर इन इंडिया चुना गया. पहले भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग को अपने कार्यों को लेकर कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा जा चुका है लेकिन यह उसके लिए सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. वर्तमान में दर्शनशास्त्र विभाग के मुख्य विभाग अध्यक्ष डॉक्टर ऋषिकांत पांडेय हैं, जो अपने आध्यात्मिक एवं दर्शन के ज्ञान को लेकर दुनियाभर में लोकप्रिय हैं.
दर्शनशास्त्र विभाग का इतिहास
इलाहाबाद विश्वविद्यालय का दर्शनशास्त्र विभाग न केवल देश के सबसे पुराने विभागों में से एक है बल्कि इसकी संरचना यानी की सबसे अधिक प्रोफेसर एवं स्टाफ की संख्या को लेकर भी सबसे बड़ा माना जाता है. 1922 में स्थापित इस विभाग में लगभग हजारों की संख्या में शोधार्थी शोध करके निकल चुके हैं. 9 दशकों में विभाग ने लगभग 70 किताबें और 600 शोधपत्र प्रकाशित करके और पूरे देश में फैले शिक्षकों, नौकरशाहों और बुद्धिजीवियों को तैयार करके कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण दार्शनिक रुझान स्थापित किए हैं. विभाग के लंबे इतिहास से जुड़े कुछ उत्कृष्ट दार्शनिकों में शामिल हैं, प्रो. पीएस बुरेल (संस्थापक प्रमुख), प्रो. एचएन रैंडल, प्रो. एई गफ, प्रो. जॉर्ज थिबॉट, प्रो. जेजी जेनिंग्स, प्रो. आरडी रानाडे, प्रो. एसी मुखर्जी, प्रो. आरएन कौल, प्रो. एस. दत्ता, प्रो. वीएस नरवाने, प्रो. एससी बिस्वास, प्रो. एसएस रॉय, प्रो. एसएल पांडे, प्रो. एसके सेठ, प्रो. जेएस श्रीवास्तव, प्रो. डीएन द्विवेदी, प्रो. आरएल सिंह और प्रो. आरएस भटनागर. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), नई दिल्ली द्वारा विभाग को विशेष सहायता विभाग (डीएसए) के रूप में चुना गया है.
Tags: Allahabad news, Allahabad university, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : June 24, 2024, 16:53 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed