गुजरात चुनाव : मोरबी क्या फिर आएगा भाजपा की झोली में या ब्रिज का ढहना बन सकता है मुद्दा
गुजरात चुनाव : मोरबी क्या फिर आएगा भाजपा की झोली में या ब्रिज का ढहना बन सकता है मुद्दा
Gujarat Assembly Elections: सर्वोच्च न्यायालय ने गुजरात उच्च न्यायालय को मोरबी पुल हादसे की जांच की निगरानी करने और जवाबदेही तय करने के लिए कहा था और भाजपा प्रत्याशी कांतिलाल अमृतिया को भरोसा है कि यह प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी होगी. ऐसा नहीं है कि त्रासदी कोई मुद्दा नहीं है लेकिन मोरबी में लोग इसे चुनावी मुद्दे के रूप में नहीं देखते हैं.
गांधीनगर. मोरबी में झूलतो ब्रिज (Hanging Bridge) का जो कुछ भी बाकी रह गया है, उसकी रखवाली के लिए एक सुरक्षा गार्ड तैनात है. यह बदनाम ब्रिज 31 अक्टूबर को गिर गया था और करीब 135 लोग इस ब्रिज के नीचे मौजूद पथरीली मच्छू नदी में चट्टानों से टकराकर और डूब कर मारे गए थे. इस जगह से महज 10 मिनट की दूरी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी कांतिलाल अमृतिया का चुनाव कार्यालय मौजूद है. कार्यालय में लगा शामियाना बड़े बड़े फ्लेक्स और पोस्टर से शोभायमान हो रहा है जो कांतिलाल की राजनीतिक यात्रा को दर्शाता है. इस यात्रा की शुरुआत 1979 की उस फोटो से हुई है जो एक दर्दनाक मंजर को दर्शाती है, जब मच्छू डैम के टूट जाने के कारण हजारों लोग मारे गए थे, और इस दौरान वह बचाव और राहत कार्य में जुट कर लोगों को बचाने में लगे हुए हैं.
इसके अगले फ्लेक्स में अमृतिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नजर आ रहे हैं. यह फोटो तब का है जब प्रधानमंत्री अपने दो महीने के प्रवास के दौरान मोरबी आए थे. अमृतिया जो कान्हाभाई के नाम से भी चर्चित है, कहते हैं, ‘इन तस्वीरों को देखिए, मैं बचपन से ही संघ का सेवक रहा हूं. यहां हर कोई मुझे जानता है. क्योंकि मैं हमेशा उनके बीच ही रहा हूं, दरअसल मैं नहीं बल्कि यही लोग चुनाव लड़ रहे हैं.’
2017 में भाजपा को मिली थी शिकस्त
अमृतिया को 2020 के उपचुनाव के लिए मोरबी से टिकट नहीं मिला था और उनकी जगह ब्रजेश मेरजा को टिकट दिया गया था, क्योंकि ब्रजेश मेरजा ने ही 2017 में अमृतिया को हराया था. आगे चलकर ब्रजेश कांग्रेस से निकलकर भगवा जहाज पर सवार हो गए थे. इस तरह भाजपा ने इस सीट पर जीत हासिल की और मोरबी सीट भी उनकी सूची में शामिल हो गई. भाजपा विगत 27 सालों से यह सीट जीतती आ रही थी, लेकिन 2017 में हार्दिक पटेल के पाटीदार आंदोलन की वजह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. कम से कम भाजपा, कांग्रेस और आप के प्रत्याशी तो ऐसा ही मानते हैं.
अमृतिया के साहसिक प्रयास की तस्वीरें वायरल
1979 में हुई त्रासदी के 43 साल बाद एक बार फिर जब 31 अक्टूबर को झूलतो ब्रिज टूटा तो अमृतिया ने मच्छू नदी में छलांग लगा दी. जीवन रक्षक ट्यूब पहनकर कांतिलाल अमृतिया ने मछुआरों से अपना जाल लाने के लिए कहा और जितना संभव हो सका उतने लोगों की जान बचाने का प्रयास किया. उनके इस साहसिक प्रयास की तस्वीरें वायरल हो गईं. भाजपा में ज्यादातर लोगों को लगता है कि अमृतिया इस क्षेत्र के प्रभावशाली नेता हैं, और उनके इस साहसिक कार्य ने आगामी गुजरात चुनाव में उनका टिकट पक्का कर दिया. क्या मोरबी ब्रिज का ढहना इस बार का चुनावी मुद्दा है. इस सवाल को टालते हुए अमृतिया कहते हैं कि सरकार बचे हुए लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.
कांग्रेस का प्रयास, मोरबी इस बार चुनावी मुद्दों में शीर्ष पर रहे
वहीं काग्रेस इस कोशिश में लगी हुई है कि मोरबी इस बार चुनावी मुद्दों में शीर्ष पर रहे. मोरबी में अमृतिया के प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस प्रत्याशी जयंती जेरजभाई पटेल का कहना है कि उनकी पार्टी भाजपा के 27 साल से चले आ रहे कुशासन को इस बार खत्म कर देगी. पटेल का कहना है कि भाजपा ने राज्य को बरबाद कर दिया है. मोरबी ब्रिज के ढहने से हुई मौतें निश्चित रूप से एक बड़ा मुद्दा है. इतने लोगों की जान जाने से पूरा राज्य सदमे में है. हम चुनाव प्रचार भी बगैर पटाखे और ढोल-नगाड़े के कर रहे हैं. हमने इसे पूरी तरह से सादगीपूर्ण रखा है.
आप की राजनीति विकास पर केंद्रित
वहीं भाजपा के कार्यालय से सड़क के नीचे की तरफ आप कार्यालय ज्यादा व्यस्त नहीं है. जबकि आप के प्रत्याशी कार्यालय में ही मौजूद हैं. छह-सात लोगों से घिरे आप प्रत्याशी पंकजभाई रंसारिया कहते हैं कि उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता सड़क और शिक्षा है. वह कहते हैं, ‘मोरबी भी निश्चित रूप से यहां एक मुद्दा है, सड़कें टूटी हुई हैं और 27 साल हो गए लेकिन भाजपा इस क्षेत्र में अच्छे स्कूल विकसित नहीं कर पायी. महंगाई भी है. आम आदमी पार्टी विकास की राजनीति कर रही है, हम गुजरात में बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र को उन्नत बनाने पर काम करना चाहते हैं.’
हाईकोर्ट कर रहा है जांच की निगरानी
सर्वोच्च न्यायालय ने गुजरात उच्च न्यायालय को जांच की निगरानी करने और जवाबदेही तय करने के लिए कहा था और अमृतिया को भरोसा है कि यह प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी होगी. ऐसा नहीं है कि त्रासदी कोई मुद्दा नहीं है लेकिन मोरबी में लोग इसे चुनावी मुद्दे के रूप में नहीं देखते हैं. भाजपा और आप सड़क, विकास और सिंचाई के लिए पानी जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं, वहीं कांग्रेस उम्मीद बनाए हुए हैं कि वह ब्रिज टूटने को एक चुनावी मुद्दा बनाने में सफल रहेगी.
मोरबी के लोग मुझ पर भरोसा करते हैं : अमृतिया
अमृतिया जो पांच बार मोरबी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, उनका कहना है कि सड़कों का विकास उनकी प्राथमिकता है. मोरबी तक पहुंच के लिए चार सड़क मार्ग हैं, हमें इन सड़कों को बेहतर बनाने की जरूरत है और क्षेत्र में पानी लाने पर भी काम करना है. अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए अमृतिया कहते हैं, ‘आप नेता सत्येंद्र जैन का तिहाड़ जेल में मसाज करवाने वाला विवादित वीडियो मोरबी में कोई मुद्दा नहीं है. मैं विपक्ष के बारे में कोई बात नहीं करता, मैं केवल अपने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम के बारे में बात करता हूं. मोरबी के लोग मुझ पर भरोसा करते हैं और आप को मैं लड़ाई में गिनता ही नहीं.’
अमृतिया का दावा- छठी बार चुनाव जीतेंगे
हालांकि सत्येंद्र जैन वाले मामले पर आप के रंसारिया का दावा है कि भाजपा राजनीतिक लाभ लेने के लिए इसे राष्ट्रीय मुद्दा बनाने में लगी हुई है, लेकिन यहां यह कोई मुद्दा नहीं होगा. अमृतिया का दावा है कि वह छठी बार चुनाव जीतेंगे. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के प्रत्याशी छह बार मेरे सामने हार का सामना कर चुके हैं. भाग्य इस बार भी उनका साथ नहीं देने वाला है. कांग्रेस के पास मैदान में उतारने के लिए कोई प्रत्याशी नहीं था तभी उन्होंने जयंतीभाई पटेल को फिर से मैदान में उतारा है.’
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Tags: Assembly elections, BJP, Gujarat Assembly Elections, Morbi BridgeFIRST PUBLISHED : November 23, 2022, 17:56 IST